सीहोर: सीहोर जिले के वीआईटी विश्वविद्यालय में हुई तोड़फोड़ और आगजनी की घटना पर मध्यप्रदेश निजी विश्वविद्यालय नियामक आयोग की तीन सदस्यीय जांच समिति ने अपनी रिपोर्ट शासन को सौंप दी है। रिपोर्ट में कहा गया है कि विश्वविद्यालय परिसर में ऐसा माहौल नहीं होना चाहिए, जिसमें छात्र प्रताड़ना या किसी तरह के खौफ के तहत पढ़ाई करें। आयोग ने सुझाव दिया है कि विश्वविद्यालयों को इस बात के लिए बाध्य किया जाए कि छात्र किसी भी शिकायत को निडर होकर दर्ज करा सकें और उसका प्रभावी एवं निष्पक्ष निराकरण हो।
जांच रिपोर्ट के अनुसार विश्वविद्यालय में लगातार फैल रही अराजकता की जानकारी पुलिस को पहले से थी, लेकिन विश्वविद्यालय प्रबंधन की ओर से रात करीब दो बजे औपचारिक सूचना मिलने तक पुलिस प्रशासन कार्रवाई के इंतजार में बैठा रहा। आयोग ने इसे गंभीर प्रशासनिक चूक माना है।रिपोर्ट में वीआईटी विश्वविद्यालय प्रबंधन पर तानाशाहीपूर्ण रवैया अपनाने के गंभीर आरोप दर्ज किए गए हैं।
समिति के अनुसार प्रबंधन द्वारा छात्रों पर दबाव बनाया जाता है और शिकायत करने पर उन्हें फेल करने की धमकी दी जाती है। कई मामलों में आईकार्ड जब्त कर छात्रों को परीक्षा से दूर रखने और प्रायोगिक परीक्षाओं में जानबूझकर कम अंक देने की शिकायतें भी सामने आई हैं। भोजन व्यवस्था को लेकर छात्रों की आपत्तियों को भी अनसुना किया गया और उन्हें यह कहकर टाल दिया जाता था कि जो भोजन उपलब्ध है, वही खाना पड़ेगा।
