मप्र में भाजपा की सबसे बड़ी जीत 

– प्रदेश की सभी 29 सीटों में खिला कमल

– विदिशा से शिवराजसिंह चौहान ने बनाया जीत का रिकॉर्ड

– भाजपा ने छिंदवाड़ी सीट भी कांग्रेस से छीनी

प्रशासनिक संवाददाता

भोपाल, 4 जून. मप्र में भाजपा ने उम्मीदों के मुताबिक प्रदर्शन करते हुए सभी 29 लोकसभा सीटों पर जीत का परचम लहरा दिया है। कांग्रेस की उम्मीदों के एकमात्र चिराग छिंदवाड़ा संसदीय सीट को भी भाजपा ने अपने पाले में खींच लिया है और यहां से कांग्रेस के नकुल नाथ को एक लाख 13 हजार से अधिक वोटों से हार का मुंह देखना पड़ा है. इधर प्रदेश में मामा के नाम से मशहूर पूर्व मुख्यमंत्री शिवराजसिह चौहान ने जीत का नया रिकॉर्ड बना दिया है। उन्होंने कांग्रेस के प्रताप भानू शर्मा को एकतरफा मुकाबले में 8 लाख 20 हजार वोटों के बड़े अंतर से हरा दिया है। प्रदेश के इतिहास में कभी ऐसा नहीं हुआ कि एक उम्मीदवार ने सीधे मुकाबले में कांग्रेस को इतने अधिक वोटों के अंतर से हराया हो. प्रदेश के सभी क्षेत्रोंं विंध्य, महाकौशल, बुंदेलखंड, निमाड़, मालवा, सहित चंबल क्षेत्र में भाजपा ने दबदबा बरकरार रखा और कांग्रेस की जात की उम्मीदों पर पानी फेर दिया.

 

प्रदेश में अब तक की सबसे बड़ी जीत ने भाजपा खेमे को उत्साह से भर दिया है, यहां कमोबेश सभी दिग्गजों ने उम्मीदों के मुताबिक ही प्रदर्शन किया।

इंदौर ने भी बना दिया सबसे बड़ी जीत और नोटा को मिले वोट का रिकॉर्ड

प्रदेश में इंदौर संसदीय क्षेत्र ने एक नहीं बल्कि दो रिकॉर्ड अपने नाम कर लिया है. यहां भाजपा उम्मीदवार शंकर लालवानी 11 लाख 34 हजार से अधिक वोटों से जीत गए हैं। वोट के मामले में यहां उनका निकटतम नोटा रहा। कांग्रेस उम्मीदवार के मैदान में नहीं होने का सीधा फायदा लालवानी और नोटा दोनों को ही मिला. लालवानी लोकसभा चुनाव में सबसे अधिक वोटों से जीतने वाले पहले उम्मीदवार बन गए हैं, इधर उनके निकटतम सपा उम्मीदवार को महज 49 हजार 277 वोट ही मिल सके, वहीं दूसरी तरफ नोटा को सबसे अधिक 2 लाख 3 हजार 933 वोट मिले. ये देश में संसदीय चुनाव में नोटा को मिला सबसे अधिक वोट है, अब तक का रिकॉर्ड बिहार के गोपालगंज के नाम था, जहां नोटा को 51660 वोट मिले थे, अब इंदौर में पिछले रिकॉर्ड से लगभग चार गुना अधिक वोट नोटा को मिले हैं।

राजगढ़ में दिग्विजय सिंह की उम्मीदों पर पानी फिरा

वर्ष 2019 में हुए लोकसभा चुनाव में भोपाल संसदीय क्षेत्र से चुनाव हारने के बाद कांग्रेस नेता और पूर्व मुख्यमंत्री दिग्वियज सिंह बड़ी उम्मीदों से राजगढ़ संसदीय क्षेत्र पहुंचें थे, यहां उन्होंने वोटरों से भावुक अपील की थी कि ये उनका अंतिम चुनाव है, लेकिन उनकी ये अपील भी काम नहीं आई है। दिग्विजय सिंह को एक बार फिर हार का सामना करना पड़ा है। यहां उन्हें भाजपा उम्मीदवार रोडमल नागर ने एक लाख 44 हजार 200 वोटों के बड़े अंतर से हरा दिया.

गुना संसदीय क्षेत्र में सिंधिया का दबदबा बरकरार

गुना संसदीय क्षेत्र में भाजपा उम्मीदवार ज्योतिरादित्य सिंधिया ने एक बार फिर अपना दबदबा साबित कर दिया है, उन्होंने यहां 5 लाख 38 हजार से अधिक वोटों से कांग्रेस उम्मीदवार राव यादवेन्द्र ङ्क्षसंह यादव को करारी शिकस्त दी है. वर्ष 2019 में कांग्रेस उम्मीदवार के रूप में उन्हें हार का सामना करना पड़ा था, बाद में उन्होंने वर्ष 2020 में भाजपा का दामन थाम लिया था, उन्होंने प्रदेश में कांग्रेस की तत्कालीन कमलनाथ सरकार को गिराने में सबसे बड़ी भूमिका निभाई थी, उसके बाद प्रदेश में भाजपा की फिर सरकार बनी, इसका पुरस्कार उन्हें केंद्रीय मंत्री के रूप में मिला था.

भोपाल में भाजपा ने दिखाया दमखम, बनाया नया रिकॉर्ड

प्रदेश की राजधानी भोपाल संसदीय क्षेत्र में भाजपा ने एक बार फिर दमखम दिखाते हुए बादशाहत साबित की है. इस बार यहां भाजपा ने आलोक शर्मा को मैदान में उतारा था, विधानसभा चुनाव में शर्मा के हारने के बाद भाजपा ने एक बार फिर उनपर भरोसा जताया था, इस भरोसे को सही साबित करते हुए शर्मा ने यहां से रिकार्ड जीत हासिल की है, उन्होंने कांग्रेस के अरूण श्रीवास्तव को 5 लाख 1499 वोटों के बड़े अंतर से हरा दिया है. यहां शर्मा ने शुरुआती रूझान में भी बढ़त बना ली थी, जैसे- जैसे राउंडवार गिनती बढ़ती रही, भाजपा की जीत का आंकड़ा भी बढ़ता रहा। ये पहली बार है जब भाजपा ने भोपाल संसदीय क्षेत्र में 5 लाख वोटों से अधिक का जीत का आंकड़ा पार किया है. इससे पहले का रिकॉर्ड आलोक संजर के नाम था, उन्होंने वर्ष 2014 में कांग्रेस के पीसी शर्मा को 3 लाख 70 हजार 696 वोटों के अंतर से हराया था.

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