
सिंगरौली। ननि आयुक्त ने महापौर रानी अग्रवाल को पत्र लिखकर नसीहत दी है। निगमायुक्त ने एमआईसी की बैठको में बिना प्रस्ताव व बिना चर्चा के कार्रवाई विवरण में जोड़ने पर सवाल खड़ा किया है।
निगमायुक्त सविता प्रधान ने बीते दिन 19 नवम्बर को महापौर नपानि को कड़ा पत्र लिखते हुये लेख किया है कि पिछले सप्ताह 14 नवम्बर को एमआईसी की बैठक आयोजित की गई थी। बैठक में उपयंत्री डीके सिंह के निलम्बन को बहाल करने का कोई प्रस्ताव नही था और न ही इस संबंध में किसी भी प्रकार की कोई चर्चा की गई। किंतु जारी कार्रवाई विवरण में उक्त प्रस्ताव अन्य विषय में जोड़ते हुये डीके सिंह उपयंत्री को बहाल करने का विवरण दिया गया है। वहीं उक्त कार्रवाई नियमो के विपरित है। जबकि उक्त बैठक में विभाध्यक्ष, आरपी बैस उपायुक्त, संतोष पाण्डेय कार्यपालन यंत्री सहित ननि के अन्य अधिकारी मौजूद थे। यहां तक कि बैठक में निगमायुक्त भी मौजूद रही। किंतु उक्त के संबंध में किसी भी प्रकार की कोई चर्चा नही की गई थी। एमआईसी संचालन नियम 1198 में विहित प्रावधानों में अन्य विषय जोड़ने का कोई प्रावधान है। 22 अक्टूबर एमआईसी बैठक के प्रस्ताव क्रमांक 9 एजेण्डे में शामिल था। जिसमें एमआईसी सदस्यों द्वारा प्रस्ताव में विरोध करने पर आगामी बैठक में प्रस्ताव पर निर्णय लेने की चर्चा की गई थी। इसके बावजूद जारी कार्रवाई विवरण में प्रस्ताव की स्वीकृति प्रदान की गई है। आयुक्त ने सीधे तौर पर कहा है कि आपके द्वारा प्रस्ताव में फेरबदल किया जाता है, जो विधि विरूद्ध है।
