जबलपुर: संभाग के सबसे बड़े नेताजी सुभाषचंद्र बोस मेडिकल कॉलेज अस्पताल में खून की दलाली को लेकर डीन ने सख्त रूख अपना लिया है। इस बार मेडिकल डीन डॉ. नवनीत सक्सेना ने मेडिकल के ब्लड बैंक के संदिग्ध ब्लड बैंक ऑफिसर शिशिर चनपुरिया को उसके पद से हटा दिया है और उसे पैथोलॉजी विभाग में बैठाया है।
शिशिर की जगह डीन ने मेडिकल ब्लड बैंक ऑफिसर के पद पर नए ब्लड बैंक ऑफिसर भगवानदास सिंह यादव को जिम्मेदारी सौंपी है। इसके साथ ही कुछ दिनों पहले ब्लड डोनेशन संस्था के स्टिंग ऑपरेशन में फंसे 2 खून के दलालों की फोटो भी मेडिकल अस्पताल परिसर में चस्पा कर दी गई है और जिससे कि मेडिकल में आने वाले मरीज व उन परिजन इन दलालों के चंगुल में दोबारा न फंस सकें।
जानकारी के अनुसार मेडिकल अस्पताल के ब्लड बैंक में करीब 13 कर्मचारी कार्यरत हैं जिन सभी को बारी-बारी से कुछ समय के अंतराल के बाद ब्लड बैंक से हटा दिया जाएगा और पूरा नया स्टाफ रखा जाएगा। ये पुष्टि स्वयं डीन डॉ. नवनीत सक्सेना ने करते हुए नवभारत से कहा कि मेडिकल अस्पताल में लापरवाही करने वाले कर्मचारियों और खून के दलालों को कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। विदित हो कि डीन ने दो दिन पहले ही बैठक लेकर ब्लड बैंंक प्रभारी और डॉक्टर्स को निर्देश दिए थे कि जिस मरीज के लिए खून की जरूरत है उसका सैंपल लेकर ब्लड बैंक तक जूनियर डॉक्टर ही जाएंगे।
स्टिंग ऑपरेशन में पकड़े गए थे खून के सौदागर
गौरतलब है कि कुछ दिनों पहले थैलेसीमिया जनजागरण समिति के पदाधिकारियों के स्टिंग ऑपरेशन करके मेडिकल अस्पताल में खून का सौदा करने वाले एंड्रयू जॉर्ज और जॉनसन फ्रांसिस को पकड़ा था इसके बाद मेडिकल के सुरक्षा गार्डों द्वारा दोनों को गढ़ा पुलिस थाने ले जाया गया था। मामले में पुलिस ने इन दोनों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करके दोनों को जेल भिजवाया था। इसी मामले में पुलिस ने जांच आगे बढ़ाते हुए तीसरे आरोपी अंशुल अवस्थी को भी गिरफ्तार किया था और जेल की सलाखों के पीछे उसे भिजवाया था।
