शेयर बाजारों में पिछले सप्ताह गिरावट जारी रही, निवेशकों को आगे बिहार के नतीजों का इंतजार

नयी दिल्ली, 9 नवंबर (वार्ता) घरेलू अर्थव्यवस्था के बुनियादी संकेत मजबूत बने रहने के बावजूद वैश्विक हालात में अनिश्चितता तथा विदेशी संस्थागत निवेशकों की ओर से बिकवाली का दबाव बने रहने से भारतीय शेयर बाजर के प्रमुख शेयर सूचकांकों में गत शुक्रवार को समाप्त हुए सप्ताह में गिरावट का सिलसिला बना रहा।

आगामी सप्ताह में बाजार की नजर बिहार विधान सभा चुनाव के नतीजोंं, खुदरा और थोक महंगायी दर तथा व्यापार घाटे के आंकड़ों बैंकों से कर्ज उठाव की रिपोर्ट और अमेरिका की अर्थव्यवस्था के आंकड़ों पर टिकी रहेगी। बाजार विश्लेषकों की राय में बाजार में बुनियादी तौर पर मजबूती की धारणा है पर उसे भारत-अमेरिका व्यापार वार्ता तथा भारत-चीन के बीच व्यापार की आगे की परिस्थितियों को लेकर सकारात्मक खबरों का भी इंतजार है। व्यापार वार्ता के बारे में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के हाल के बयानों से बाजार की उम्मीद जगी है कि अमेरिका के साथ कोई अच्छा समझौता हो जाएगा।

सप्ताह के दौरान कुछ प्रमुख शेयरों में ऊंचे भाव पर मुनाफा काटने की जल्दी और विदेशी संंस्थागत निवेशकों के बराबर बिकवाल बने रहने से जारी गिरावट के बीच बीसई का बीएसई30 सेंसेक्स और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी 50 करीब 0.9 प्रतिशत दायरे में नीचे आ गये। सप्ताह के दौरान मिडकैप और स्माल कैप शेयरों में दबाव ज्यादा था। एनएसई मिडकैप सूचकांक में 0.6 प्रतिशत तक की गिरावट रही।

विश्लेषकों के अनुसार आने वाले दिनों में बाजार सीमित दायरे में चढता-उतरता रहेगा। मुद्रास्फीति में नरमी बने रहने के अनुमानों के बीच बिहार चुनाव के परिणाम बाजार की दिशाओं को कुछ प्रभावित कर सकते है जहां सत्तारूढ़ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार विकास और सुरक्षा के एजेंडा पर पुन: जनादेश मांग रही। उसका मुकाबला कांग्रेस और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के नेतृत्ववाले महा गठबंधन से है। वोटों की गिनती 14 नवंबर को होगी।

वैश्विक चुनौतियों के बीच भारत की स्थिति मजबूत बनी हुई है और पिछले कुछ समय में निफ्टी में 700 और मिडकैप में 1000 अंक की गिरावट के चलते इस समय भारतीय शेयर बाजार अपने जैसे दूसरे बाजारों की तुलना में और निवेश के लिए और आकर्षक बताया जा रहा है। तिमाही वित्तीय रिपोर्ट के इस सीजन में मिड और स्माल कैप के परिणाम भी तुलनात्मक रूप से अच्छे रहे हैें।

अक्टूबर का पीएमआई डाटा उम्मीद से अच्छा रहा तथा कंपनियों के सितंबर तिमाही के लाभ के आंकड़े भी कुल मिला कर संतोषजनक रहे। जीएसटी में कटाैती से बाजार में मांग को प्रोत्साहन मिला है। इस तरह कुल मिला कर परिदृश्य उत्साहजनक बना हुआ है।

अमेरिकी डॉलर की मजबूती एक चिंता है पर वैश्विक कच्चे तेल बाजार में आपूर्ति अच्छी रहने से ब्रेंट कच्चा तेल नरमी के साथ 63 डॉलर प्रति बैरल के आस पर बना रहा है। रूसी तेल की खरीद में कमी होने के आसार के बावजूद वैश्विक तेल बाजार में तेल में कोई बड़ा झटका लगने की स्थिति बनती नहीं दिखती है। बावजूद इसके वैश्विक हालात के चलते भारतीय शेयर बाजार में विदेशी संस्थागत निवेशक बिकवाल बने हुए हैं।

विश्लेषणों के अनुसार पिछले 11 कारोबारी सत्रों में, निफ्टी50 में लगभग 800 अंकों की गिरावट हुई है और माना जा रहा है बाजार में बिकवाली कुछ ज्यादा होने के करीब पहुंच गयी है। शुक्रवार को बाजार में शुरुताआती गिरावट के बाद निफ्टी50 के 25,200-25,400 के प्रमुख समर्थन क्षेत्र से खरीदारी उभरती देखी गई।

विश्लेषकों का अनुमान है कि सूचकांक 25,200-25,400 के समर्थन क्षेत्र से ऊपर बना रहेगा और धीरे-धीरे 25,850 के तत्काल प्रतिरोध स्तर की ओर बढ़ेगा और फिर आने वाले हफ्तों में 26,100 के हालिया 52 हफ्तों के उच्चतम स्तर की ओर बढ़ेगा।

मोतीलाल ओसवाल म्यूचुअल फंड की ग्लोबल मार्केट स्नैपशॉट रिपोर्ट के अनुसार, निफ्टी मिडकैप 150 और निफ्टी 50 अक्टूबर महीने में क्रमशः 4.79 प्रतिशत और 4.51 प्रतिशत की वृद्धि के साथ सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले सूचकांक के रूप में उभरे हैं। निफ्टी मिडकैप 150 ने पिछले 3 महीनों, 6 महीनों और 1 साल में क्रमशः 3.21प्रतिशत, 10.93 प्रतिशत और 5.60 प्रतिशत की वृद्धि दिखाई है, जबकि निफ्टी 50 ने इसी अवधि के दौरान क्रमशः 3.85 प्रतिशत, 5.70 प्रतिशत और 6.27 प्रतिशत की बढ़त हासिल की है। निफ्टी 500 ने पिछले 3 महीनों, 6 महीनों और एक साल में क्रमशः 3.47 प्रतिशत, 7.63 प्रतिशत और 4.50 प्रतिशत की वृद्धि दिखाई है। निफ्टी स्मॉलकैप 250 इंडेक्स का प्रदर्शन सामान्य रहा है और इसने पिछले तीन महीनों, छह महीनों और एक साल के दौरान क्रमशः 0.99 प्रतिशत, 12.72 प्रतिशत और -2.46 प्रतिशत की वृद्धि और गिरावट दर्ज की है।

 

 

 

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