नयी दिल्ली 05 नवम्बर (वार्ता) देश में ही निर्मित जल सर्वेक्षण पोत ‘इक्षक’ को गुरुवार को कोच्चि नौसैनिक बेस में नौसेना के बेड़े में शामिल किया जायेगा जिससे नौसेना की जल सर्वेक्षण क्षमता काफी काफी बढने की संभावना है। रक्षा मंत्रालय ने बुधवार को एक वक्तव्य जारी कर कहा कि इस पोत को नौसेना प्रमुख एडमिरल दिनेश के. त्रिपाठी की अध्यक्षता में आयोजित समारोह में नौसेना में शामिल किया जायेगा।
इक्षक नौसेना में शामिल किये जाने वाला अपनी श्रेणी का तीसरा पोत है और यह उन्नत, अत्याधुनिक प्लेटफार्मों के निर्माण के प्रति नौसेना की दृढ़ प्रतिबद्धता को रेखांकित करता है। साथ ही इससे क्षमता संवर्धन और आत्मनिर्भरता की गति को आगे बढ़ाते हुए स्वदेशी जल सर्वेक्षण के क्षेत्र में उत्कृष्टता में एक नया मार्ग प्रशस्त हुआ है।
गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स (जीआरएसई) लिमिटेड, कोलकाता द्वारा निर्मित पोत इक्षक में 80 प्रतिशत से अधिक स्वदेशी सामग्री का उपयोग किया गया है। यह पोत जीआरएसई और भारतीय एमएसएमई के बीच सफल सहयोग का प्रमाण है, जो आत्मनिर्भर भारत की भावना और शक्ति को गर्व से दर्शाता है।
जल सर्वेक्षण कार्यों की प्राथमिक भूमिका के अलावा इसे दोहरी भूमिका क्षमता के साथ डिज़ाइन किया गया है, जो मानवीय सहायता और आपदा राहत (एचएडीआर) प्लेटफ़ॉर्म के रूप में और आपात स्थिति में ‘अस्पताल जहाज’ के रूप में कार्य करने में सक्षम है।
इक्षक महिलाओं के लिए विशेष रूप से बनाये गये आवास की सुविधा वाला पहला एसवीएल जहाज भी है जो भविष्य के लिए तैयार बेड़े के प्रति भारतीय नौसेना के समावेशी और प्रगतिशील दृष्टिकोण को दर्शाता है।
इसके नाम इक्षक का अर्थ है ‘मार्गदर्शक’ जो उसके मिशन, अज्ञात का पता लगाना, नाविकों के लिए सुरक्षित मार्ग सुनिश्चित करना और भारत की समुद्री शक्ति को मजबूत करना का का सटीक प्रतीक है।

