ग्योंग्जू एपेक घोषणा पत्र जारी, एआई और आबादी के बदलते स्वरूप को अर्थव्यवस्थाओं के लिए बताया बताया महत्वपूर्ण

ग्योंग्जू 01 नवंबर (वार्ता) एशिया प्रशांत आर्थिक सहयोग संगठन (एपेक) सम्मेलन के समापन पर जारी घोषणापत्र में कृत्रिम बुद्धिमत्ता के महत्व और जनसांख्यिकी के बदल रहे प्रारूप की पहचान पर बल देते हुए एशिया-प्रशांत क्षेत्र के विकास और समृद्धि के लिए मज़बूत व्यापार और निवेश अत्यंत महत्वपूर्ण बताया गया है।
दक्षिण कोरिया गणराज्य के राष्ट्रपति ली जे म्युंग की अध्यक्षता में आयोजित एपेक आर्थिक नेताओं की बैठक के समापन के बाद, 21 सदस्यों वाले इस संगठन के नेताओं ने आपसी सहमति से ग्योंगजू घोषणा जारी किया। इस घोषणापत्र में, सभी को लाभ पहुंचाने वाले आर्थिक विकास को सक्षम बनाने के लिए मज़बूत सहयोग और ठोस कार्रवाई के प्रति नेताओं की दीर्घकालिक प्रतिबद्धता की पुष्टि की गई। इसमें कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) की तेज़ी से प्रगति और जनसांख्यिकीय बदलावों को मान्यता दी गई है। इसकी वजह यह है कि ये दोनों बातें श्रम बाज़ारों को नया आकार दे रही हैं और एपेक सदस्य अर्थव्यवस्थाओं के लिए गहरे और दीर्घकालिक निहितार्थ लेकर आ रही हैं।
यहां 31 अक्टूबर से एक नवंबर तक चले दो दिवसीय एपेक 2025 सम्मेलन की थीम “एक सतत कल का निर्माण” रखी गयी थी।
इस 25 सूत्रीय घोषणापत्र में कहा गया है कि एशिया-प्रशांत क्षेत्र एक निर्णायक मोड़ पर है। वैश्विक व्यापार प्रणाली लगातार गंभीर चुनौतियों का सामना कर रही है। इसके अलावा, कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) जैसी परिवर्तनकारी तकनीकों का तेज़ी से विकास और श्रम बाज़ारों को नया आकार दे रहे जनसांख्यिकीय बदलाव, एपेक सदस्य अर्थव्यवस्थाओं के लिए गहरे और दीर्घकालिक निहितार्थ रखते हैं। इस संबंध में, सदस्य देश आपसी लाभ के लिए आर्थिक विकास को सक्षम बनाने के लिए मज़बूत सहयोग और ठोस कार्रवाई का आह्वान करते हैं।
इसमें कहा गया है कि सदस्य देश एपेक पुत्रजया विज़न 2040 में निर्धारित अपने सामूहिक मिशन से निर्देशित होते रहेंगे। जिसका लक्ष्य 2040 तक एक खुले, गतिशील, लचीले और शांतिपूर्ण एशिया-प्रशांत समुदाय का निर्माण करना है, ताकि हमारे सभी लोगों और आने वाली पीढ़ियों की समृद्धि सुनिश्चित हो सके, जिसमें आओटेरोआ कार्य योजना का कार्यान्वयन भी शामिल है।
इसमें सदस्यों ने अपनी इस साझा मान्यता को दोहराया कि एशिया-प्रशांत क्षेत्र के विकास और समृद्धि के लिए मज़बूत व्यापार और निवेश अत्यंत महत्वपूर्ण हैं, और बदलते वैश्विक परिवेश में आर्थिक सहयोग को और गहरा करने के लिए प्रतिबद्धता रखनी होगी। इसके लिए एशिया-प्रशांत क्षेत्र में आर्थिक एकीकरण को बाज़ार-संचालित तरीके से आगे बढ़ाया जायेगा, जिसमें एशिया-प्रशांत मुक्त व्यापार क्षेत्र एजेंडा पर कार्य भी शामिल है।
सदस्यों ने आर्थिक विकास में सेवा क्षेत्र के योगदान और डिजिटल रूप से सक्षम सेवाओं की बढ़ती भूमिका को स्वीकार करते हुए कहा कि सेवा क्षेत्र के प्रभावी सुधार और विकास को समर्थन देने में एपेक सेवा प्रतिस्पर्धात्मकता रोडमैप (एएससीआर ) (2016-2025) की भूमिका पर ध्यान देना होगा।
सदस्य देशों ने व्यापार लागत कम करने और सीमा-पार व्यापार में सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यमों की भागीदारी को सुगम बनाने के लाभों को स्वीकार करते हुए कहा कि व्यापार को सुगम बनाने में एआई सक्षम प्रक्रियाओं की क्षमता को भी पहचानना होगा और एआई अपनाने और संबंधित नीतियों पर स्वैच्छिक अनुभव साझा करने को प्रोत्साहित करना होगा।
भ्रष्टाचार के हानिकारक प्रभाव को एक खतरे के रूप में पहचान करते हुए इस पत्र के दसवें बिंदु पर कहा गया है कि भ्रष्टाचार विरोधी प्रयास अधिक नवीन, बेहतर समन्वित और अधिक प्रभावी होने चाहिए। इसके अलावा कनेक्टिविटी ब्लूप्रिंट के तहत एपेक बिज़नेस ट्रैवल कार्ड के माध्यम से व्यावसायिक गतिशीलता को सुगम बनाने का काम किया जायेगा।
सदस्यों ने डिजिटल अर्थव्यवस्था में डेटा के बढ़ते महत्व को स्वीकार करते हुए, डेटा के प्रवाह को सुविधाजनक बनाने और डिजिटल लेनदेन में व्यवसाय और उपभोक्ता विश्वास को मजबूत करने के लिए सहयोग जारी रखने पर बल दिया।
साल 2026 में अगला एपेक सम्मेलन चीन में और 2027 का सम्मेलन वियतनाम में आयोजित किया जायेगा।

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