कंपनियों, हिंदू अविभाजित परिवारों, संस्थाओं के लिए आयकर रिटर्न की तिथि बढ़ी

नयी दिल्ली, (वार्ता) केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने कर निर्धारण वर्ष 2025-26 के लिए कंपनियों, संस्थाओं और कुछ अन्य श्रेणी के आयकर दाताओं द्वारा आयकर अधिनियम की धारा 139 की उप-धारा (1) के अंतर्गत आयकर रिटर्न दाखिल करने की अंतिम तिथि को बढ़ाकर 10 दिसंबर करने का निर्णय लिया है।

सीबीडीरटी की बुधवार को जारी एक विज्ञप्ति में यह जनाकारी दी गयी है। इस धारा के स्पष्टीकरण 2 के खंड (क) में संबंधित विनिर्दिष्ट करदाताओं के लिए आयकर विवरण प्रस्तुत करने की अंतिम तिथि 31 अक्टूबर 2025 रखी गयी है। अब ऐसे करदाता 10 दिसंबर तक विवरण जमा करा सकते हैं।

विज्ञप्ति में यह भी कहा गया है कि आयकर अधिनियम, 1961 के प्रावधानों के अंतर्गत पूर्व वर्ष 2024-25 (कर निर्धारण वर्ष 2025-26) के लिए लेखापरीक्षा रिपोर्ट प्रस्तुत करने की ‘निर्दिष्ट तिथि’ को आगे बढ़ाकर 10 नवंबर 2025 कर दिया गया है।

आयकर अधिनियम, 1961 की धारा 139 की उप-धारा (1) कुछ व्यक्तियों और संस्थाओं के लिए निर्दिष्ट नियत तिथि तक अपना आयकर रिटर्न (आईटीआर) दाखिल करना अनिवार्य बनाती है। इनमें मूल छूट की सीमा से अधिक वार्षिक आय वाले व्यक्ति और हिंदू अविभाज्य परिवार ( एचयूएफ), कंपनियाँ और फर्में तथा विदेशी संपत्ति वाले निवासी शामिल हैं।

कर योग्य सीमा से कम आय वाला व्यक्ति भी इस धारा के तहत स्वेच्छा से रिटर्न दाखिल कर सकता है, जिसे वैध फाइलिंग माना जाता है।

इसके तहत कुछ उच्च-मूल्य वाले लेन-देन करने पर भी इस धारा के तहत अनिवार्य आय-कर विवरण दाखिल करने होते हैं, भले ही किसी व्यक्ति की आय छूट सीमा से कम हो। चालू बैंक खाते में 1 करोड़ रुपये से अधिक या बचत खाते में 50 लाख रुपये से अधिक जमा करने।

विदेश यात्रा पर 2 लाख से अधिक खर्च करने और साल में एक लाख रुपये से अधिक के बिजली बिल का भुगतान करने वालों को भी इसके तहत रिटर्न दाखिल करना होता है।

 

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