नागपुर, 23 अक्टूबर (वार्ता) महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने शहरी नक्सलवाद को सरकार के सामने सबसे बड़ी चुनौतियों में से एक बताते हुए चेतावनी दी कि इस तरह के आंदोलन युवा पीढ़ी को अराजक विचारधाराओं की ओर मोड़ने का प्रयास कर रहे हैं।
श्री फडणवीस ने दिवाली के अवसर पर नागपुर में पत्रकारों से एक अनौपचारिक बातचीत में कहा कि महाराष्ट्र और पड़ोसी छत्तीसगढ़ में सशस्त्र नक्सलवाद की समस्या पर बहुत हद तक नियंत्रण पा लिया गया है। लेकिन शहरी नक्सलवाद का उभार एक नया और अधिक खतरा पैदा कर रहा है।
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री ने शहरी नक्सलियों का एक चेहरा नहीं होने की बात करते हुए उसे खतरनाक विचार फैलाने वाला आंदोलन बताया।
उन्होंने कहा कि शहरी नक्सलियों का कोई एक चेहरा नहीं होता। वे विभिन्न रूपों में काम करते हुए खतरनाक विचार फैलाते हैं और युवाओं को गुमराह करने का काम करते हैं। श्री फडणवीस का मानना है कि शहरी नक्सली आज की पीढ़ी को अराजकता की ओर धकेलने की कोशिश कर रहे हैं।
उन्होंने पारंपरिक बंदूक-आधारित नक्सलवाद के विपरीत शहरी नक्सलवाद को उसके छिपे हुए और वैचारिक स्वरूप के कारण पहचानना अधिक मुश्किल बताया। श्री फडणवीस ने इन समूहों पर संविधान और लोकतांत्रिक संस्थाओं में जनता के विश्वास को कम करने का प्रयास करने का भी आरोप लगाया। हालांकि उन्होंने सरकार की इनसे निपटने की क्षमता पर भरोसा जताया। उन्होंने कहा, “संविधान अंततः इन अराजक प्रवृत्तियों को परास्त करेगा।”
श्री फडणवीस ने महाराष्ट्र में जाति-आधारित राजनीति में वृद्धि पर एक सवाल के जवाब में बताया कि यह मुख्य रूप से चुनावों के दौरान राजनीतिक नेताओं द्वारा संचालित होता है। उन्होंने कहा कि जहां हर किसी के सामाजिक और जाति-संबंधी मुद्दे होते हैं, वहीं राजनीतिक नेताओं के कारण इनकी तीव्रता बढ़ जाती है। उन्होंने जोर देकर कहा कि सरकार सभी को न्याय दिलाने की कोशिश कर रही है। उन्होंने चुनाव खत्म होते ही जाति-आधारित राजनीति के स्वतः कम होने का विश्वास जताया।
