न्यूयॉर्क/नयी दिल्ली, 08 अक्टूबर (वार्ता) संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि पर्वतनेनी हरीश ने मंगलवार को कहा कि पाकिस्तान भारत के खिलाफ भ्रामक बातें फैला कर दुनिया को गुमराह करने की कोशिश करता है और यह उसकी पुरानी आदत है।
श्री हरीश ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में महिला, शांति और सुरक्षा विषय पर अपने संबोधन में कहा कि अपने ही लोगों पर बमबारी करने वाला और सुनियोजित नरसंहार करने वाला पाकिस्तान दुनिया को केवल गुमराह करने की कोशिश ही कर सकता है। उन्होंने कहा, “दुर्भाग्यवश, हर साल हमें अपने देश के खिलाफ, खासकर जम्मू-कश्मीर पर , पाकिस्तान के भ्रामक तीखे हमले सुनने को मिलते हैं।”
श्री हरीश बहस के दौरान पाकिस्तान की साइमा सलीम की टिप्पणियों का जवाब दे रहे थे। यह बहस प्रस्ताव 1325 के 25 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में आयोजित की गई थी। उन्होंने इस प्रस्ताव के प्रति भारत की प्रतिबद्धता को याद दिलाते हुए कहा कि भारत ने संयुक्त राष्ट्र के इतिहास में पहली बार 2007 में लाइबेरिया में पूर्ण महिला पुलिस दल की तैनाती की थी।
उन्होंने कहा कि भारत की महिला, सुरक्षा और शांति के प्रति प्रतिबद्धता प्रस्ताव 1325 के अपनाने से बहुत पहले की है। उन्होंने कहा, ” वर्ष1960 के दशक में ही भारत ने कांगो में महिला चिकित्सा अधिकारियों की तैनाती की थी, जो संयुक्त राष्ट्र शांति अभियानों में महिलाओं की सेवा के शुरुआती उदाहरणों में से एक था। यह केवल एक प्रतीकात्मक संकेत नहीं था, बल्कि एक व्यावहारिक स्वीकृति थी कि प्रभावी शांति स्थापना के लिए महिलाओं की उपस्थिति, उनका दृष्टिकोण और कौशल आवश्यक है।”
श्री हरीश ने कहा , ” भारत इस क्षेत्र में ज्यादा से ज्यादा योगदान देने के लिए हमेशा तत्पर रहा है। हम अपने सहयोगियों, विशेष रूप से वैश्विक दक्षिण के लोगों के साथ अपनी विशेषज्ञता साझा करने के लिए तैयार हैं, ताकि साझा चुनौतियों के सामूहिक समाधान को बढ़ावा दिया जा सके।”
उन्होंने भारत के वर्तमान योगदान को रेखांकित करते हुए बताया कि 160 से अधिक भारतीय महिला शांति सैनिक अलग-अलग क्षेत्र में सेवारत हैं और पूर्ण महिला दल कांगो लोकतांत्रिक गणराज्य, सूडान के अबेई और दक्षिण सूडान में तैनात हैं। उन्होंने कहा “हमारा मानना है कि अब सवाल यह नहीं है कि महिलाएँ शांति स्थापना कर सकती हैं या नहीं। बल्कि, सवाल यह है कि क्या महिलाओं के बिना शांति स्थापना संभव है।”

