पत्थर की 10 मूर्तियां तैयार, 200 प्रतिमाएं बना रहे हैं कलाकार 

उज्जैन. महाकाल लोक में लगी सप्त ऋषि की प्रतिमाएं आंधी तूफान में उखड़ गई थी. उसके बाद सभी मूर्तियों को एफआरपी की बजाय पत्थर की लगाने का निर्णय लिया गया, 200 मूर्तियों को बनाने का काम जो चल रहा है उसमें अभी 10 मूर्तियां बनकर तैयार हो चुकी है. उड़ीसा से आए कलाकार इन मूर्तियों को तराशने का काम कर रहे हैं.

दरअसल महाकाल लोक में लगी (फाइबर रीइनफोर्स्ड प्लास्टिक) की मूर्तियों को अब पत्थर की मूर्तियों से बदला जा रहा है. तूफ़ान में टूटी मूर्तियों के बाद मुख्यमंत्री के आदेश पर यह निर्णय लिया गया था. मूर्ति बनवाने और लगाने का जिम्मा अब संस्कृति विभाग के पास है.

पहाड़पुर से आया पत्थर

ओडिशा के कलाकार बंशी ने नवभारत को बताया कि पहाड़पुर के पत्थर से ये मूर्तियां तराश रहे हैं. इस बदलाव से न केवल मूर्तियों की भव्यता और टिकाऊपन बढ़ेगा, बल्कि भविष्य में आंधी तूफान का भी असर पत्थर की प्रतिमाओं पर नहीं होगा.

एफआरपी की मूर्तियों की उम्र 10 साल

कलाकारों ने मूर्ति तराशने के दौरान यह भी बताया कि एफआरपी की मूर्तियों की उम्र लगभग 10 साल ही होती है, जबकि पत्थर की मूर्तियां लंबे समय तक चलती हैं. हालांकि यह बात अलग है कि जब एफआरपी की प्रतिमाएं महाकाल लोक में लगाई गई थी तब उनकी उम्र 100 साल बताई गई थी, आंधी तूफान में मूर्ति गिरने के बाद उनकी उम्र 90 साल कम कैसे हो गई यह कोई जिम्मेदार नहीं बता पा रहा.

लोकार्पण के 1 साल बाद उखड़ी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 11 अक्टूबर 2022 को महाकाल लोक का लोकार्पण किया था. 2023 के तूफ़ान में महाकाल लोक की कई मूर्तियां टूटकर गिर गई थीं, जिससे ये नुकसान हुआ और दोबारा पत्थर की मूर्तियों की आवश्यकता पड़ी. 1 साल में ही सप्त ऋषि की मूर्तियां उखड़ कर परिसर में फैल गई थी, जिसके बाद देश भर में यह मामला सुर्खियों में आया.

 

गुणवत्ता और सम्मान

अब यह भी एक कारण सामने आया कि धार्मिक स्थलों पर प्लास्टिक की मूर्तियां न लगाने की जाए, इसलिए अब पत्थर की मूर्तियां लगाई जा रही हैं. पत्थरों में गुणवत्ता भी होती है और धार्मिक दृष्टि से उनका सम्मान भी होता है जबकि प्लास्टिक की मूर्तियां ना लगे इसके लिए कई लोगों ने मांग भी उठाई थी.

 

एक मूर्ति की कीमत 25 से 30 लाख

ओडिशा के कलाकार पहाड़पुर के पत्थर से मूर्तियां बना रहे हैं. ओडिशा के कलाकारों को मूर्तिकला में विशेषज्ञता हासिल है. एक पत्थर की मूर्ति बनाने में लगभग 25 से 30 लाख रुपये तक का खर्च आ रहा है.

 

कुल मूर्तियों की संख्या

महाकाल लोक में लगभग 200 मूर्तियां हैं, सप्त ऋषियों के साथ ही बाकी सभी मूर्तियां भी बदली जाएगी. हालांकि कार्य धीमी गति से चल रहा है और अभी तक 10 मूर्तियां ही बन पाई है बाकी मूर्तियां कब तक बनेगी और कब लगेगी इसके बारे में अभी किसी को भी कोई जानकारी नहीं दी गई.

 

इनका कहना

कुल 200 मूर्तियां बनाई जाना है, लगभग एक दर्जन मूर्तियां अब तक बन चुकी है, मूर्तियों का यह कार्य संस्कृति विभाग के जिम्मे है. हम भी इस संबंध में अवलोकन करेंगे की मूर्तियों का कार्य कहां तक पहुंचा है. मुख्यमंत्री की मंशा है कि प्रतिमाएं जल्द बनाकर तैयार हो और स्थापित हो जाए.

– प्रथम कौशिक, महाकाल मंदिर प्रशासक

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