
नरसिंहपुर। जिले में गुरुवार को विश्व हिंदू परिषद के सदस्यों ने डिप्टी कलेक्टर देवंती परते को मुख्यमंत्री के नाम एक ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में हाल ही में शासन द्वारा जारी अधिसूचना, जिसमें गौमांस को करमुक्त घोषित किया गया है, पर आपत्ति दर्ज कर तत्काल निरस्तीकरण की मांग की गई। विहिप ने ज्ञापन में उल्लेख किया कि 18 सितंबर 2025 को जारी अधिसूचना (सीरियल क्रमांक 7, अध्याय-उपशीर्षक टैरिफ शीर्षक मद 0201) के तहत गोवंशीय पशुओं का ताजा एवं ठंडा मांस टैक्स फ्री किया गया है। परिषद ने इसे न केवल मध्यप्रदेश गौवंश वध प्रतिषेध अधिनियम के विपरीत बताया, बल्कि समाज में गहरी असंतोष और अशांति फैलाने वाला निर्णय करार दिया। विहिप ने कहा कि एक ओर राज्य सरकार “गौ संरक्षण वर्ष” मना रही है, वहीं दूसरी ओर गौमांस को करमुक्त करना शासन की अपनी नीतियों और हिंदू समाज की आस्थाओं का विरोधाभास है। ज्ञापन में कहा गया कि गौमांस पर करमुक्ति देना वस्तुतः गौहत्या को प्रोत्साहित करने जैसा है। यह कदम न केवल जनभावनाओं को ठेस पहुँचाता है, बल्कि सामाजिक सौहार्द्र को भी प्रभावित कर सकता है।
मुख्य मांगें
विहिप ने ज्ञापन में नौ बिंदुओं की मांग रखी। इसमें प्रमुख रूप से—
1. गौमांस करमुक्ति अधिसूचना का तत्काल निरस्तीकरण।
2. गौ संरक्षण अधिनियम के तहत गौवंश के मांस पर पूर्ण प्रतिबंध।
3. छोटे जिलों व तहसीलों में चल रहे अवैध कसाईखानों पर कठोर कार्यवाही।
4. कसाईखाना नियंत्रण समिति का गठन और नियमित निगरानी।
5. मांस बाजारों में रैंडम सैंपल परीक्षण कर गौमांस की मिलावट पर रोक।
6. गौमांस को खाद्य सामग्री की श्रेणी से बाहर रखा जाए।
7. गौमूत्र व गोबर से बने उत्पादों को करमुक्त कर गौशालाओं को आत्मनिर्भर बनाया जाए।
परिषद ने चेतावनी दी कि यदि अधिसूचना वापस नहीं ली गई तो प्रदेशभर में व्यापक असंतोष और अशांति फैल सकती है।
