
पड़ाना: महज 30 मिनट की बारिश ने किसानों की महीनों की मेहनत पर पानी फेर दिया. जिले के पड़ाना क्षेत्र में गुरुवार को हुई मूसलाधार बारिश के कारण खेतों में सूखने के लिए रखी कटी हुई सोयाबीन बह निकली. हालात ऐसे बने कि खेत धान की तरह नजर आने लगे और सोयाबीन पानी में तैरती दिखाई दी.इस साल औसत से कहीं अधिक हुई वर्षा और पीला मोजेक रोग ने पहले ही उत्पादन घटा दिया था. सामान्य तौर पर एक बीघा में तीन से चार क्विंटल सोयाबीन निकलती है, लेकिन इस बार केवल डेढ़ से दो क्विंटल ही मिल पा रही है.
ग्राम शेरपुरा शंकर नगर खेड़ी के किसान मुकेश कलमोदिया की दो बीघा की फसल गुरुवार की बारिश में बह गई. किसान ने अपनी आंखों से मेहनत को पानी में बहते देखा, जबकि उसने अभी एक दिन पहले ही मजदूरों से कटाई कराई थी.प्रशासन ने पहले ही चेतावनी दी थी कि जिले का औसत उत्पादन घटने पर प्रदेश के औसत उत्पादन पर भी असर पड़ेगा. वर्ष 2023-24 में प्रदेश का उत्पादन 45.97 लाख टन और 2024-25 में 53 लाख टन तक पहुंच गया था, लेकिन इस बार अधिक बारिश ने संकट गहरा दिया है.अनुमान है कि इस बार मप्र का सोयाबीन उत्पादन घटकर 50 लाख टन तक सिमट सकता है, जिससे सोया स्टेट का दर्जा भी प्रभावित हो सकता है.
