
कलेक्टर का फरमान हुआ तब हुई कार्रवाई, सुपरवाईजर, कर्मचारियों पर भी कार्रवाई की तैयारी
जबलपुर। महाकौशल के सबसे बड़े अस्पताल कहे जाने वाले नेताजी सुभाषचंद्र बोस मेडिकल कॉलेज अस्पताल में मरीजों को चूहों द्वारा कुतरने का मामला अब तूल पकड़ा जा रहा है। कलेक्टर का फरमान मिलने के बाद मेडिकल अधीक्षक ने पेस्ट कंट्रोल एवं सफाई व्यवस्था में लापरवाही बरतने पर एचएलएल इंफ्रा टेक सर्विसिस लिमिटेड पर 50 हजार रुपये का अर्थदण्ड अधिरोपित किया है। इसके साथ ही कंपनी के सुपरवाईजर, कर्मचारियों पर कार्रवाई के लिए पत्र भी लिखा है। इसके अलावा जांच समिति भी अपनी पड़ताल कर रही है। जिसे तीन दिवस के भीतर रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए गए है जिसके बाद आगे की कार्रवाई होगी।
विदित हो कि मेडिकल अस्पताल के मानसिक रोग विभाग में भर्ती तीन मरीजों को चूहों ने काटा था। जिसमें सिहोरा निवासी 25 वर्षीय रजनी बेन, श्रीधाम गोटेगांव के 50 वर्षीय सरोज मेहरा और उनके बेटे जगदीश मेहरा को चूहों ने कुतरा है। परिजनों का आरोप रहा कि विभाग में चूहों का आतंक है। इस घटना के बाद से मेडिकल में मरीजों की सुरक्षा पर लगातार सवाल खड़े हो रहे है।
पेस्ट कंट्रोल में लाखों खर्च फिर भी चूहों पर कंट्रोल नहीं
चूहा कंट्रोल के नाम पर मेडिकल अस्पताल में लाखों रूपए खर्च किए गए। वार्डवार चूहा नियंत्रण के लिए पेस्ट कंट्रोल के नाम पर 15 लाख रूपए लगभग सालाना राशि खर्च हो रही है लेकिन वार्डों में चूहों पर कंट्रोल नहीं है। जिसके चलते पेस्ट कंट्रोल काम में भ्रष्टाचार की बू आ रही है।
मामला गंभीर, सिर्फ अर्थदंड लगा
चूहों और अन्य कीड़ों को नियंत्रित करने के लिए सख्त कार्रवाई के आदेश जारी किए गए थे उसके बावजूद भी लापरवाही बरती गई जिसके चलते मेडिकल में चूहों का आंतक बढ़ा है। मामला उजागर होने के बाद तीन दिन बाद भी दोषियों पर ठोस कार्रवाई नहीं हुई है। सिर्फ कंपनी पर अर्थदंड लगाया गया है जबकि मामला बेहद गंभीर है जिम्मेदारों पर अब तक कोई बड़ा एक्शन नहीं लिया गया है।
देर रात कलेक्टर पहुंचे थे मेडिकल, लगाई थी फटकार-
ज्ञात हो कि मेडीकल कॉलेज में मरीजों के चूहों द्वारा पैर कुतरने का मामला सामने आने के बाद मंगलवार की रात कलेक्टर राघवेंद्र सिंह ने मेडिकल कॉलेज पहुँचकर मनोरोग विभाग का निरीक्षण किया था। कलेक्टर श्री सिंह ने इस मामले में अप्रसन्नता व्यक्त करते हुये दोषियों के विरुद्ध सख्त से सख्त कार्यवाही करने के निर्देश अस्पताल अधीक्षक को दिए थे। जिसके बाद मेडिकल अधीक्षक ने अर्थदंड अधिरोपित करने की कार्रवाई की है।
इनका कहना है
पेस्ट कंट्रोल करने वाली कंपनी पर 50 हजार रूपए का जुर्माना लगा दिया गया है। इसके साथ ही पत्र भी लिखा गया कि सुपरवाईजर और जिम्मेदार कर्मचारियों पर कार्रवाई की जाएं। जांच समिति भी जांच कर रही है रिपोर्ट आने के बाद आगे की कार्रवाई होगी।
डॉ. अरविन्द्र शर्मा, अधीक्षक, मेडिकल कॉलेज
