नयी दिल्ली, 08 सितम्बर (वार्ता) दिल्ली के कला, संस्कृति एवं भाषा मंत्री कपिल मिश्रा ने कहा है कि ‘फूलवालों की सैर’ दिल्ली की पहचान है और दिल्ली सरकार की पूरी कोशिश है कि सदियों से चली आ रही इस परंपरा को फिर से जीवंत किया जाये।
श्री मिश्रा ने वरिष्ठ अधिकारियों के साथ सोमवार को एक उच्च स्तरीय बैठक की। बैठक में कला, संस्कृति एवं भाषा विभाग, राजस्व विभाग, दिल्ली वक्फ बोर्ड एवं अंजुमन सैर-ए-गुल फ़रोशन सोसाइटी के प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया। इस दौरान श्री मिश्रा ने कहा कि त्योहार ‘फूलवालों की सैर’ दिल्ली की पहचान है और दिल्ली सरकार की पूरी कोशिश है कि सदियों से चली आ रही इस परंपरा को फिर से जीवंत किया जाये। इस वर्ष यह उत्सव दो नवम्बर से आठ नवम्बर तक भव्य तरीके से मनाया जायेगा।
उन्होंने निर्देश दिये कि एक सप्ताह तक चलने वाले इस आयोजन में सभी विभाग अपनी सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित करें और कार्यक्रम को भव्य और ऐतिहासिक बनाने के लिए ठोस योजना प्रस्तुत करें।
‘फूलवालों की सैर’ दिल्ली की गंगा-जमुनी तहज़ीब का प्रतीक है। सदियों से चली आ रही इस परंपरा में हिंदू और मुस्लिम दोनों समुदाय मिलकर फूलों की चादर और पंखे श्रद्धा स्वरूप अर्पित करते हैं। यह आयोजन हमेशा से भाईचारे, सांस्कृतिक एकता और सामूहिक उत्सव का प्रतीक रहा है।
इस वर्ष दिल्ली सरकार की पहल पर ‘फूलवालों की सैर’ उत्सव के अंतर्गत रंगारंग झांकियां, सांस्कृतिक प्रस्तुतियां, कव्वाली एवं लोक संगीत, ऐतिहासिक झलकियों से सजे कार्यक्रम और पारंपरिक पंखों की झलक देखने को मिलेगी। उत्सव में दिल्ली के अलग-अलग हिस्सों से कलाकार एवं समाजसेवी भाग लेंगे।

