ग्वालियर: मध्यप्रदेश में भाजपा और कांग्रेस बराबरी पर है। लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने पिछले लोकसभा चुनाव से बेहतर प्रदर्शन किया है और इस बार मध्यप्रदेश में कांग्रेस की 10 से ज्यादा सीटें आयेंगी। कांग्रेस ने इस बार का लोकसभा चुनाव शिक्षा, युवाओं को रोजगार दिलाने व प्रदेश की ज्वलंत समस्या बेरोजगारी को मिटाने व बढ़ती महंगाई को लेकर लड़ा था। यह बात नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने शुक्रवार को अपने ग्वालियर प्रवास के दौरान विधायक डा. सतीश सिंह सिकरवार के निवास पर चर्चा करते हुये पत्रकारों से कही। इस दौरान सिंघार ने पूर्व विधायक गजराज सिंह सिकरवार के स्वास्थ्य की भी जानकारी ली।
उन्होंने दावा किया कि 2019 के लोकसभा चुनाव के मुकाबले कांग्रेस की स्थिति काफी भिन्न हैं। मतदान के बाद जो संकेत मिले हैं, उससे साफ है कि प्रदेश में कांग्रेस और भाजपा के बीच बराबर की टक्कर है। उन्होंने जिन सीटों पर कांग्रेस मजबूत है, उनके नाम भी गिनाये। सिंघार का कहना था कि ग्वालियर-चंबल की चारों सीटों पर कांटे की टक्कर है और चारों सीटों पर कांग्रेस जीत दर्ज करेगी। पूर्व मंत्री रामनिवास रावत की एक दल की घोषित सदस्यता है इसके बाद भी भाजपा में शामिल होने का दावा कर रहे हैं, इस सवाल पर उमंग सिंघार ने बचने का प्रयास किया। काफी घेरने पर उनका कहना था कि विधान के अनुसार उनके खिलाफ कार्रवाई की जायेगी।
उमंग सिंघार ने बड़ी-बड़ी बाते करने वाले नेताओं पर प्रहार करते हुए कहा कि जो नेता अपना बूथ नहीं जीत सकते हैं, उन्हें खुद ही कांग्रेस छोड़ जाना चाहिये। सिंघार ने भाजपा पर तंज कसते हुये कहा कि नर्सिंग घोटाला प्रदेश का एक और सबसे बड़ा घोटाला है। नर्सिंग घोटाले पर कांग्रेस विधानसभा में भाजपा सरकार को घेरेगी। सिंघार ने मोदी की गारंटी पर तंज कसते हुये कहा कि जब चुनाव परिणाम आयेंगे तो उनकी सरकार सत्ता में आयेगी की नहीं इसकी गारंटी नहीं है तो उनका यह नारा अन्य बातों की तरह जुमला साबित होगा।
इस दौरान सिंघार के साथ विधायक डा. सतीश सिंह सिकरवार, उपनेता प्रतिपक्ष हेमंत कटारे, कांग्रेस जिलाध्यक्ष डा. देवेन्द्र शर्मा, ग्रामीण जिलाध्यक्ष प्रभुदयाल जौहरे सहित कई नेता उपस्थित थे। इससे पहले श्री सिंघार का विधायक डा. सिकरवार के निवास पर पहुंचने पर कांग्रेस नेताओं ने भव्य स्वागत किया। यहां से नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया की माताश्री माधवी राजे सिंधिया के निधन पर शोक संवेदना व्यक्त करने के लिए रानीमहल पहुंचे और स्व. राजमाता को श्रद्धांजलि अर्पित कर केन्द्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया को ढांढस बंधाया।