
उज्जैन। नदिया से दरिया दरिया से सागर से गहरा भगवान चिंतामन का आशीर्वाद रहा है। एक वक्त वह था की बूंद बूंद पानी को तरस रहा था उज्जैन। ऐसा लग रहा था कि शहर वासियों का कंठ सूखने लगा है। हालांकि नर्मदा को उज्जैन लाने का मिशन भी इसी दौर में सफल हो गया और इधर यशवंत सागर से जो पानी बहकर उज्जैन आया उससे भी गंभीर डेम लबालब हो गया। कुल मिलाकर भगवान चिंतामन गणेश ने उज्जैन की चिंता दूर कर दी है और गंभीर डेम लबालब हो गया है।
नवभारत से चर्चा में पार्षद और जल कार्य समिति के प्रभारी प्रकाश शर्मा ने बताया कि बाबा महाकाल और भगवान चिंतामन गणेश ने जल संकट की चिंता दूर कर दी है। गंभीर डेम में तेजी से बढ़ जलस्तर बढ रहा है। नर्मदा को उज्जैन लाने का मिशन भी सफल हो चुका है और अब कभी भी उज्जैन में जल संकट नहीं रहेगा।
गंभीर डेम प्रभारी प्रवीण कुमार वर्मा ने बताया कि शनिवार शाम तक डेम जरूरत से ज्यादा पानी संग्रहित हो चुका था। अनुमान है कि रात 12 बजे के बाद पानी की आवक और तेज होगी और रविवार सुबह तक डेम अपनी क्षमता के करीब पहुंच जाएगा।
शहरवासियों को जलप्रदाय करने के लिए करीब 33 साल पहले बना गंभीर डेम 2250 एमसीएफटी की क्षमता वाला है। वर्तमान में यहां से रोज़ाना 7 से 8 एमसीएफटी पानी की सप्लाई की जा रही है। पिछले कई वर्षों से गंभीर डेम को भरने में इंदौर के यशवंत सागर डेम की अहम भूमिका रही है। इस साल बारिश की कमी से अगस्त माह के शुरुआती तीन हफ्तों तक गंभीर में पानी नहीं था और जलसंकट गहराने लगा था। इसके चलते नगर निगम और प्रशासन ने नर्मदा लाइन से पानी लाने की योजना शुरू कर दी थी। मगर इसी बीच प्रदेश में मानसून सक्रिय हुआ और इंदौर समेत आसपास के क्षेत्रों में हुई बारिश से गंभीर में पानी भरने की स्थिति बन गई। स्थानीय जीवाजीराव वेधशाला के अनुसार उज्जैन में औसतन वर्षा का आंकड़ा 36 इंच है। अब तक 23 इंच बारिश दर्ज हुई है, यानी औसतन पूरा करने के लिए अभी भी 13 इंच बारिश की आवश्यकता है। दो दिन से शहर में रुक-रुक कर बारिश हो रही है। जिससे तापमान में भी उतार-चढ़ाव देखने को मिला। शुक्रवार को अधिकतम तापमान 32 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम 24 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया।
अबकी बार क्षमता के पार
लंबे इंतजार के बाद आखिरकार गंभीर डेम लबालब होने की ओर है। शनिवार रात तक डेम का जलस्तर 1900 एमसीएफटी पार कर गया और अब हर घंटे करीब 10 सेंटीमीटर की रफ्तार से पानी बढ़ रहा है। डेम की कुल क्षमता 2250 एमसीएफटी है और संभावना जताई जा रही है कि अगले 24 से 36 घंटे में गंभीर पूरी क्षमता तक भर जाएगा।गंभीर डेम में इस बार इंदौर के यशवंत सागर की बड़ी भूमिका रही। लगातार बारिश और गेट खोलने के कारण गंभीर में तेजी से आवक बनी हुई है। यशवंत सागर के गेट जहां खोलने पड़े हैं वहीं यदि ऐसी स्थिति रही तो उज्जैन गंभीर दम के गेट भी खोलने पड़ेंगे क्योंकि पानी की संग्रहण क्षमता 2250 एमसीएफटी है और पानी उसके पार आने वाला है।
शहर को मिलेगा भरपूर पानी
गंभीर डेम से वर्तमान में प्रतिदिन 7 से 8 एमसीएफटी पानी सप्लाई किया जा रहा है। डेम के लगभग पूरा भर जाने के बाद आगामी एक वर्ष तक शहर की पेयजल जरूरतें आसानी से पूरी हो सकेंगी। जीवाजीराव वेधशाला के अनुसार, इस वर्ष अभी तक 23 इंच वर्षा दर्ज की गई है। जबकि औसतन 36 इंच वर्षा का आंकड़ा होना चाहिए। यानी अभी भी लगभग 13 इंच बारिश की आवश्यकता है। इंदौर के यशवंत सागर डेम से छोड़ा गया पानी एक बार फिर गंभीर डेम को जीवनदान देता दिखाई दे रहा है। शुक्रवार-शनिवार रात 12 बजे यशवंत सागर का गेट खोला गया था, जिसे तीन घंटे बाद बंद कर दिया गया था। लेकिन 18 घंटे बाद शनिवार शाम को दोबारा एक गेट खोला गया, जिससे गंभीर डेम में पानी की तेज आवक शुरू हो गई।
मिशन नर्मदा हुआ सफल
जलसंकट से निपटने के लिए नगर निगम और प्रशासन ने पहले ही मिशन नर्मदा के तहत नर्मदा लाइन को गंभीर डेम से जोड़ा था। यह लाइन अब पूरी तरह जुड़ चुकी है और पानी की आपूर्ति में बड़ी राहत मिली है। इस कार्य से अब शहर की जनता को जलसंकट का सामना नहीं करना पड़ेगा। अधिकारियों का कहना है कि नर्मदा लाइन के सफलतापूर्वक जुड़ जाने से अब भविष्य में जल संकट की स्थिति काफी हद तक खत्म हो जाएगी। महापौर मुकेश टटवाल से लेकर जल कार्य समिति के सदस्य प्रकाश शर्मा की इसमें अहम भूमिका रही है। दोनों नेताओं ने नगर निगम सभापति कलावती यादव से लेकर मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव का इस अभियान के लिए अभी आभार जताया।
