
नयी दिल्ली, 25 अगस्त (वार्ता) भारतीय चार्टर्ड एकाउंटेंट्स संस्थान (आईसीएआई) ने सोमवार को देश भर में 15 स्थानों पर दीक्षांत समारोह का आयोजन किया जिनमें फाइनल परीक्षा उत्तीर्ण करने वाले 13,737 नये चार्टर्ड एकाउंटेंट को सदस्यता प्रमाणपत्र प्रदान किया गया।
ये दीक्षांत समारोह नयी दिल्ली, कोलकाता, मुंबई, चेन्नई, बेंगलुरु, हैदराबाद, गाजियाबाद, एर्नाकुलम, विजयवाड़ा, अहमदाबाद, पुणे, इंदौर, जयपुर, चंडीगढ़ और लुधियाना में आयोजित किये गये। सभी केंद्रों पर दीक्षांत समारोह एक साथ शुरू हुए।
भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआई) की अध्यक्ष रवनीत कौर ने नयी दिल्ली से मुख्य अतिथि के रूप में कार्यक्रम का उद्घाटन किया। उन्होंने संस्थान की सदस्यता हासिल करने वाले सभी चार्टर्ड अकाउंटेंट्स को बधाई देते हुये कहा, “आईसीएआई अपनी उत्कृष्टता, नैतिकता और प्रभाव के लिए जाना जाता है और कॉर्पोरेट प्रशासन, कराधान, लेखा परीक्षा मानकों, स्थिरता और डिजिटल वित्तीय प्रणालियों में योगदान देकर राष्ट्र निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता रहता है। सीए की योग्यता न केवल आपके करियर में, बल्कि आपके व्यक्तिगत विकास में भी आपके लिए अनेक अवसर खोलेगी। एआई, ब्लॉकचेन और एल्गोरिदम प्राइसिंग जैसी तकनीकों के तेजी से अपनाये जाने के मद्देनजर पारदर्शी, कुशल और सतत विकास सुनिश्चित करने के लिए निरंतर सीखना आवश्यक बना रहेगा।”
उन्होंने कहा कि चार्टर्ड अकाउंटेंट्स सिद्धांतों को व्यवहार में लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं और साथ ही यह भी सुनिश्चित करते हैं कि बाजार की प्रथाएं पारदर्शी, नैतिक और नियामक ढांचों के अनुरूप बनी रहें। उनके हस्ताक्षर में अपार विश्वास होता है, जो ग्राहकों, हितधारकों, बाजारों और जनहित को प्रभावित करता है। एक पेशेवरों के रूप में, आप अपने द्वारा लिए गए प्रत्येक मूल्यांकन और निर्णय में स्वतंत्रता, निष्पक्षता और सत्यनिष्ठा के संरक्षक हैं।
आईसीएआई के अध्यक्ष चरणजोत सिंह नंदा ने नये चार्टर्ड अकाउंटेंट्स को बधाई दी। उन्होंने कहा, “आप इस पेशे के भविष्य के पथप्रदर्शक हैं और मैं आपसे आग्रह करता हूं कि आप नवाचार को अपनाएं, आजीवन सीखने के लिए प्रतिबद्ध रहें और ईमानदारी और मूल्यों के साथ नेतृत्व करें जो न केवल इस पेशे की गरिमा को बनाये रखेगा बल्कि वैश्विक मंच पर भारत की विश्वसनीयता को भी बढ़ाएगा।”
उन्होंने कहा कि देश की 65 प्रतिशत से अधिक आबादी 35 वर्ष से कम आयु की है, युवा न केवल इस राष्ट्र का भविष्य हैं, बल्कि नवाचार, उपभोग और प्रगति के वर्तमान चालक भी हैं। जैसे-जैसे भारत तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की ओर अग्रसर है, ये युवा चार्टर्ड अकाउंटेंट सबसे बड़ी संपत्ति साबित होंगे। इन नये सदस्यों में से प्रत्येक के पास भारत के भाग्य को आकार देने की शक्ति है।
आईसीएआई के उपाध्यक्ष, सीए प्रसन्ना कुमार डी. ने कहा, “चार्टर्ड अकाउंटेंट केवल सेवा प्रदाता ही नहीं हैं, बल्कि वे रणनीतिक व्यावसायिक समाधान प्रदाता भी हैं जो अर्थव्यवस्था को आगे बढ़ा रहे हैं। यह पेशा अभ्यास, रोजगार, उद्यमिता, कराधान, लेखा परीक्षा, प्रौद्योगिकी और ईएसजी में गतिशील अवसर प्रदान करता है। नैतिकता से समझौता नहीं किया जा सकता; ईमानदारी, पारदर्शिता और सही निर्णय आपके काम में विश्वास की नींव रखेंगे।”
आईसीएआई के अध्यक्ष ने नये-सदस्यों को शपथ भी दिलाई। आईसीएआई वर्ष में दो बार दीक्षांत समारोह आयोजित करता है ताकि नए नामांकित सदस्यों को सदस्यता प्रमाणपत्र प्रदान किया जा सके।
