मुंबई, 21 अगस्त (वार्ता) महाराष्ट्र की एक विशेष धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) अदालत ने आज राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (सपा) नेता रोहित पवार को महाराष्ट्र राज्य सहकारी बैंक घोटाला मामले में ज़मानत दे दी, जिसे शिखर बैंक घोटाला भी कहा जाता है।
यह आदेश प्रवर्तन निदेशालय द्वारा श्री पवार और अन्य के खिलाफ धन शोधन निरोधक कानून के तहत एक पूरक आरोपपत्र दायर करने के बाद आया है।
ईडी की जांच से पता चला है कि महाराष्ट्र राज्य सहकारी बैंक के पूर्व अधिकारियों और निदेशकों ने कथित तौर पर पारदर्शी प्रक्रियाओं या उचित कानूनी औपचारिकताओं का पालन किए बिना कई सहकारी चीनी मिलें अपने सहयोगियों और संबंधित निजी कंपनियों को काफ़ी कम दामों पर बेच दी थीं।
एजेंसी ने इस मामले में 9 जुलाई, 2025 को अपना तीसरा आरोपपत्र दायर किया, जिसमें विधायक रोहित पवार, उनकी कंपनी बारामती एग्रो लिमिटेड और राजेंद्र इंगवाले सहित तीन नए आरोपियों के नाम शामिल हैं।
इससे पहले, जनवरी 2023 में, ईडी ने बारामती एग्रो से जुड़े कई ठिकानों पर छापेमारी की थी और बाद में कंपनी की 50 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति ज़ब्त की थी। इन कार्रवाइयों के बाद, कर्जत-जामखेड निर्वाचन क्षेत्र के विधायक को ईडी के मुंबई कार्यालय में पूछताछ के लिए बुलाया गया था।
धन शोधन का यह मामला अगस्त 2019 में मुंबई आर्थिक अपराध शाखा द्वारा दर्ज एक प्राथमिकी (प्रथम सूचना रिपोर्ट) से उत्पन्न हुआ है, जिसमें भारतीय दंड संहिता और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत गंभीर आरोप शामिल थे।
