बलौदाबाजार-भाटापारा, (वार्ता) छत्तीसगढ़ के भाटापारा में छोटे से कस्बे से निकलकर राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार तक का सफर तय करने वाले दीपक किंगरानी ने साल 2023 में सर्वश्रेष्ठ संवाद लेखन का सम्मान हासिल किया है। उनकी लिखी फिल्म सिर्फ एक बंदा काफी है सर्वश्रेष्ठ फिल्म की दौड़ में भी शामिल रही, जिसे साल की बेहतरीन हिंदी फिल्मों में गिना गया। इस उपलब्धि से पूरे प्रदेश में गर्व और मनोरंजन जगत में हर्ष की लहर है।
दीपक किंगरानी का जन्म सात नवंबर 1982 को भाटापारा में हुआ। उन्होंने भाटापारा और रायपुर से स्कूलिंग व ग्वालियर से इंजीनियरिंग की पढ़ाई की। इंजीनियरिंग के बाद विदेश में एक अमरीकी कंपनी में लाखों के पैकेज वाली नौकरी छोड़कर उन्होंने मुंबई में फिल्मी सफर की शुरुआत की। लंबे संघर्ष के दिनों में हिंदी सिनेमा के वरिष्ठ लेखक हबीब खान, रूमी जाफरी और अनीस बज्मी ने उनका हौसला बढ़ाया और दिशा दी।
स्क्रिप्ट राइटिंग का कोई औपचारिक कोर्स न करने वाले दीपक ने यह हुनर खुद सीखा। वह पहले अच्छी फिल्म देखते, फिर उसी फिल्म को दोबारा पटकथा के साथ देख कर समझते कि दृश्य को जमाने, आगे बढ़ाने और जोड़ने का सही तरीका क्या है। अंग्रेजी फिल्मों की पटकथाओं ने इस सीख में अहम भूमिका निभाई।
बतौर संवाद लेखक उनकी पहली फिल्म वॉर छोड़ ना यार (2013) रही, इसके बाद पागलपंती (2019) रिलीज हुई। उन्हें पहचान दिलाई वेब सीरीज स्पेशल ऑप्स (2020) ने, जिसके बाद सिर्फ एक बंदा काफी है (2023), मिशन रानीगंज (2023), और भैया जी (2024) जैसी फिल्मों-सीरीज से उनका काम चर्चा में रहा।
दीपक मानते हैं कि फिल्म इंडस्ट्री भरोसे का कारोबार है — जब तक आप लिखकर दिखाते नहीं, कोई भरोसा नहीं करता। उनका संदेश है कि नए लेखकों को लगातार लिखते रहना चाहिए, लोगों से मिलते रहना चाहिए और अपने विचार साझा करते रहना चाहिए।
