जबलपुर: मप्र हाईकोर्ट ने एक मामले में कहा कि यदि आवेदन पत्र जमा करने की अंतिम तिथि पर योग्यता पूरी होती है तो उस नियुक्ति को सही माना जाएगा। इस मत के साथ जस्टिस विवेक जैन की एकलपीठ ने आंगनवाड़ी कार्यकर्ता की नियुक्ति के संबंध में पारित आदेश को यथावत रखते हुए अहम कानूनी प्रश्न निर्धारित किया है।
दरअसल जबलपुर निवासी शैलजा तिवारी की ओर से हाईकोर्ट में कमिश्नर जबलपुर के उस आदेश को चुनौती दी गई थी।
जिसमें ग्राम कांकरेहटा के आंगनवाड़ी कार्यकर्ता के पद पर कल्पना मेहरा की नियुक्ति की गई थी। जिसमें दलील दी गई कि आंगनवाड़ी कार्यकर्ता की नियुक्ति के लिए उसी ग्राम का निवासी होना चाहिए जबकि अनावेदिका कल्पना का विवाह हो गया है। चूंकि अब वह उस गांव की निवासी नहीं है इसलिए नियुक्ति की पात्र नहीं है। कल्पना की ओर से अधिवक्ता दिनेश उपाध्याय ने सुप्रीम कोर्ट के न्याय दृष्टांत का हवाला देते हुए दलील दी कि विज्ञापन के अनुसार आवेदन पत्र जमा करने की अंतिम तिथि फरवरी 2022 थी। कल्पना का विवाह मई 2022 में हुआ है, जिससे स्पष्ट है कि विज्ञापन के समय उसका विवाह नहीं हुआ था। कोर्ट ने कल्पना की नियुक्ति को सही करार दिया।
