फेक ट्रांजेक्शन गैंग पर पुलिस का शिकंजा

इंदौर: नकली डिजिटल भुगतान दिखाकर ज्वेलर्स को चूना लगाने वाले दो युवकों को परदेशीपुरा पुलिस ने धरदबोचा. दोनों आरोपी सतना ज़िले के रहने वाले हैं और पिछले तीन साल से इंदौर में पढ़ाई के बहाने रुककर शौक पूरे करने के लिए ठगी कर रहे थे. उनके कब्जे से 46 हजार की सोने की अंगूठी तथा फर्जी ट्रांजेक्शन में इस्तेमाल दो मोबाइल जब्त किए हैं. टीम उनसे अन्य वारदातों का सुराग खंगाल रही है.

एसीपी परदेशीपुरा हिमानी मिश्रा ने बताया कि मामले में थाना प्रभारी आरडी कानवा ने विशेष टीम गठित की. शिकायत सोमवार 30 जून को पाटनीपुरा में रहने वाले जयेश सोनी ने दर्ज कराई थी. उन्होंने बताया कि उनकी श्यामलाल एण्ड संस ज्वैलरी शॉप में एक युवक आया, 46 हज़ार की अंगूठी खरीदी और क्यूआर कोड स्कैन कर फर्जी ट्रांजेक्शन रसीद दिखा कर रफूचक्कर हो गया.

फरियादी की शिकायत पर पुलिस ने आरोपी के खिलाफ प्रकरण दर्ज कर एक जांच टीम गठित की जिसने लगातार सीसीटीवी फुटेज खंगाले, तकनीकी साक्ष्य जुटाए और मुखबिरों की मदद ली. 23 वर्षीय आरोपी विकास पटेल निवासी रामनगर, सतना को पकड़ा गया. पूछताछ में उसने साथी 23 वर्षीय कमल नयन बैस का नाम उगला. कमल नयन को भी उसी दिन दबोच लिया. दोनों के पास विभिन्न ज्वेलरी दुकानों के कई बिल मिले हैं, जिनकी पुष्टि की जा रही है.
फर्जी एप से दिखाते थे पेमेंट
थाना प्रभारी आरडी कानवा ने बताया कि दोनों दोस्त फर्जी ‘डुप्लीकेट पे फोन एप से बड़ा अमाउंट टाइप कर पेमेंट सफल दिखाते, दुकानदार बिल बनाने में व्यस्त होते और तभी माल लेकर निकल जाते. फिलहाल आरोपी पुलिस रिमांड पर हैं. उनसे पूछताछ के दौरान शहर और आस पास की अन्य ठगी घटनाओं के खुलासे की उम्मीद है.

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