रीवा:भारत सरकार द्वारा प्रधानमंत्री सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना लागू की गई है. इस योजना के माध्यम से उपभोक्ताओं को मुफ्त बिजली मिलने के साथ पर्यावरण संरक्षण भी होगा. ताप विद्युत केन्द्रों से बिजली उत्पादन के लिए भारी मात्रा में कोयले का दहन किया जाता है जो पर्यावरण के प्रतिकूल है. सोलर पैनल पूरी तरह से नि:शुल्क तथा पर्यावरण के अनुकूल है. बिजली का उपयोग करने वाले आवासीय घरों में सोलर पैनल लगवाकर बिजली के बिल में 30 से 70 प्रतिशत तक की कमी ला सकते हैं.
इस संबंध में अधीक्षण यंत्री बीके शुक्ला ने बताया कि पीएम सूर्य घर योजना के तहत दो किलोवाट तक की क्षमता वाले छत पर सोलर पैनल लगाने के लिए 30 हजार प्रति किलोवाट वित्तीय सहायता दी जाती है. इसी तरह तीन किलोवाट अथवा उससे अधिक क्षमता के सोलर पैनल लगवाने पर 78 हजार का अनुदान दिया जा रहा है. अधीक्षण यंत्री श्री शुक्ल ने बताया कि छत पर सोलर पैनल लगाने से प्रति किलोवाट 1300 यूनिट बिजली का साल भर में उत्पादन होता है.
इस बिजली को नेट मीटरिंग वाली बिजली यानी ग्रिड से जोडऩे पर मासिक बिजली बिल में काफी कमी आती है. नेट मीटरिंग प्रक्रिया के द्वारा लगाया गया मीटर सोलर पैनल से प्राप्त बिजली तथा ग्रिड से ली गई बिजली का आकलन करता है. सोलर पैनल से उत्पादित बिजली यदि घरेलू उपकरणों में उपयोग से अधिक है तो उसे ग्रिड में भेज देता है. जब सोलर पैनल से बिजली का उत्पादन नहीं होता तब स्वचालित तरीके से ग्रिड से बिजली की आपूर्ति घर में होती रहती है. उपभोक्ता को केवल अतिरिक्त बिजली के लिए ही राशि देनी होती है
