
इंदौर. पहली बारिश में हो रही तेज़ वहा व आंधी ने नगर निगम और बिजली कंपनी की तैयारियों की सच्चाई सामने ला दी. नवलखा चौराहे पर एक पुराना पेड़ भरभराकर गिर गया, जो सड़क किनारे खड़े लोडिंग रिक्शा पर आ गिरा. हादसे में रिक्शा पूरी तरह चकनाचूर हो गया. वहीं न्यू पलासिया में भी एक पेड़ गिरने से चार दोपहिया और चारपहिया वाहन क्षतिग्रस्त हो गए. गनीमत रही कि दोनों घटनाओं में कोई जनहानि नहीं हुई.
इन घटनाओं ने यह साफ कर दिया कि बारिश पूर्व नगर निगम और बिजली विभाग सिर्फ कागज़ी तैयारी कर खानापूर्ति करते हैं. न तो पेड़ों की समय रहते छंटाई की गई और न ही झुके हुए पेड़ों को चिन्हित कर हटाया. नतिजतन ऐसे में पेड़ गिरने की घटनाएं आम हो गई हैं, जो कभी भी जानलेवा साबित हो सकती हैं. स्थानीय रहवासियों का आरोप है कि हर साल मानसून से पहले दावा किया जाता है कि खतरे वाले पेड़ों की छंटाई और बिजली लाइन की मरम्मत हो चुकी है, लेकिन हकीकत हर बारिश में सामने आ जाती है. लोग यह भी कह रहे हैं कि अगर समय रहते निगम और बिजली कंपनी ने ज़िम्मेदारी निभाई होती तो ये हादसे रोके जा सकते थे. नागरिकों ने मांग की है कि अब सिर्फ जवाबदारों पर कार्रवाई हो, ताकि भविष्य में किसी की जान न जाए.
