ऑपरेशन सिंदूर से देश में सुरक्षा परिदृश्य में आया बड़ा बदलाव: राजनाथ

नयी दिल्ली 10 जून (वार्ता) रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा है कि मोदी सरकार ने राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े मुद्दों के प्रति दृष्टिकोण तथा कार्रवाई के तरीकों को बदलकर देश के सुरक्षा परिदृश्य को बदल दिया है और दुनिया ने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान इसे देखा भी है।

श्री सिंह ने मंगलवार को देहरादून में ‘राष्ट्रीय सुरक्षा और आतंकवाद’ विषय पर आयोजित एक संवाद को संबोधित करते हुए ऑपरेशन सिंदूर को भारतीय इतिहास में आतंकवाद के खिलाफ की गई सबसे बड़ी कार्रवाई बताया। उन्होंने कहा कि पहलगाम आतंकवादी हमला देश की सामाजिक एकता पर हमला था और भारत ने पाकिस्तान और उसके कब्जे वाले कश्मीर में आतंकवादी ठिकानों को नष्ट करके आतंकवाद और उसके अपराधियों के खिलाफ एक बड़ी तथा जोरदार कार्रवाई की। उन्होंने कहा, “ अनुच्छेद 370 के निरस्त होने के बाद जम्मू-कश्मीर में शांति और प्रगति का युग शुरू हुआ। हमारे पड़ोसी इसे बर्दाश्त नहीं कर सके और उन्होंने पहलगाम में आतंकी हमला किया। पाकिस्तान की लाख कोशिशों के बावजूद वह कश्मीर में विकास को रोक नहीं पाया है। उधमपुर-श्रीनगर-बारामुल्ला रेलवे लिंक जम्मू-कश्मीर में सरकार की निरंतर प्रगति का एक शानदार उदाहरण है। जल्द ही पीओके भी हमारे साथ जुड़ जाएगा और कहेगा ‘मैं भी भारत हूं’।”

रक्षा मंत्री ने जोर देकर कहा कि भारतीय सशस्त्र बलों ने आतंकवादियों को मुंहतोड़ जवाब दिया है, लेकिन भविष्य में पहलगाम जैसी आतंकी घटनाओं को रोकना जरूरी है। उन्होंने न केवल सरकारों के स्तर पर बल्कि जनता के स्तर पर भी सतर्क रहने की जरूरत पर जोर दिया। उन्होंने आतंकवाद को एक विकृत नैतिक तर्क, मानवता पर सबसे बड़ा अभिशाप, शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व तथा लोकतंत्र के लिए एक बड़ा खतरा और प्रगति की राह में बाधा बताया। उन्होंने कहा कि आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई सिर्फ सुरक्षा का सवाल नहीं है, यह मानवता के बुनियादी मूल्यों की रक्षा की लड़ाई है। आतंकवाद को एक महामारी बताते हुए रक्षा मंत्री ने जोर देकर कहा कि इस खतरे को स्वाभाविक मौत के लिए नहीं छोड़ा जा सकता क्योंकि इसका अस्तित्व सामूहिक शांति, विकास और समृद्धि को चुनौती देता रहेगा। उन्होंने आतंकवाद के स्थायी समाधान की तत्काल आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने कहा, “ आतंकवादी किसी उद्देश्य से लड़ने वाले नहीं होते। कोई भी धार्मिक, वैचारिक या राजनीतिक कारण आतंकवाद को उचित नहीं ठहरा सकता। रक्तपात और हिंसा के जरिए कभी भी कोई मानवीय उद्देश्य हासिल नहीं किया जा सकता।”

श्री सिंह ने कहा कि भारत और पाकिस्तान ने एक ही समय आजाद हुए लेकिन आज भारत को लोकतंत्र की जननी के रूप में मान्यता दी गई है, जबकि पाकिस्तान वैश्विक आतंकवाद के जनक के रूप में उभरा है। पाकिस्तान ने हमेशा आतंकवादियों को पनाह दी है, उन्हें अपनी धरती पर प्रशिक्षित किया है और उनकी मदद की है। वह हमेशा इसे उचित ठहराने की कोशिश करता है। उन्होंने कहा कि यह महत्वपूर्ण है कि हम इन आतंकवादियों और उनके पूरे ढांचे को खत्म कर दें।

रक्षा मंत्री ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से पाकिस्तान को मिलने वाली विदेशी फंडिंग रोकने का आग्रह करते हुए कहा कि इस वित्तीय सहायता का बड़ा हिस्सा आतंकवाद पर खर्च किया जाता है। उन्होंने कहा,“ पाकिस्तान को फंड देने का मतलब है आतंकवाद के बुनियादी ढांचे को फंड देना। पाकिस्तान आतंकवाद की नर्सरी है। इसे पोषित नहीं किया जाना चाहिए।”

श्री सिंह ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद द्वारा हाल ही में पाकिस्तान को आतंकवाद विरोधी पैनल का उपाध्यक्ष नामित करने के निर्णय पर आश्चर्य व्यक्त किया, खासकर तब जब पैनल का गठन 9/11 के आतंकवादी हमलों के बाद किया गया था। उन्होंने कहा , “ पाकिस्तान ने 9/11 हमलों के मास्टरमाइंड को पनाह दी थी। इसकी भूमि का उपयोग वैश्विक आतंकवादी संगठनों के लिए शरणस्थली के रूप में किया गया है। वहां हाफिज सईद और मसूद अजहर जैसे आतंकवादी खुलेआम घूमते हैं और पाकिस्तानी सेना के वरिष्ठ अधिकारी आतंकवादियों के अंतिम संस्कार में शामिल होते हैं। अब उसी देश से आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक समुदाय का नेतृत्व करने की उम्मीद की जा रही है। यह अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था की मंशा और नीतियों पर गंभीर सवाल उठाता है।”

रक्षा मंत्री ने वैश्विक समुदाय और संयुक्त राष्ट्र जैसे संगठनों से आतंकवाद जैसे मुद्दों पर अधिक गंभीरता से सोचने का आह्वान करते हुए कहा , “ जब हम आतंकवाद से मुक्त होंगे तभी हम वैश्विक शांति, प्रगति और समृद्धि के लक्ष्य की ओर बढ़ पाएंगे।” उन्होंने कहा कि पाकिस्तान के आम लोगों की भी यही राय है, लेकिन वहां के शासकों ने देश को विनाश के रास्ते पर डाल दिया है।

श्री सिंह ने पाकिस्तान को सलाह दी कि अगर वह अपनी धरती पर आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई करने में असमर्थ है तो उसे भारत की मदद लेनी चाहिए। उन्होंने कहा कि भारतीय सशस्त्र बल सीमा के दोनों ओर आतंकवाद के खिलाफ प्रभावी कार्रवाई करने में सक्षम हैं, जिसका सबूत ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तान ने खुद देखा था। पाकिस्तान को अड़ियल बताते हुए उन्होंने कहा कि पूरी दुनिया को उस पर आतंकवाद से निपटने के लिए रणनीतिक, कूटनीतिक और आर्थिक दबाव डालना जरूरी है।

Next Post

सिद्दारमैया, अन्य से जुड़े मामले में ईडी ने मैसूर विकास प्राधिकरण की और 92 सम्पत्तियां कुर्क कीं

Tue Jun 10 , 2025
Share on Facebook Tweet it Share on Reddit Pin it Share it Email नयी दिल्ली, 10 जून (वार्ता) प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के बेंगलुरु क्षेत्रीय कार्यालय ने मुख्यमंत्री सिद्दारमैया और अन्य के खिलाफ मैसूर नगर विकास प्राधिकरण (मुडा) द्वारा भूखंडों के आवंटन में कथित गड़बड़ी से जुड़े मामले की जांच के […]

You May Like