लड़ावद पुल का भूमिपूजन: 30 साल पुरानी मुराद पूरी हुई

शाजापुर: दो दशक से अधिक समय से 15 से 20 गांव के लोग लड़ावद पुल की मांग कर रहे थे, लेकिन उनकी सुनवाई नहीं हो रही थी. लड़ावद पुल बनने से 15 से 20 गांवों को इसका लाभ मिलेगा. लड़ावद में दो मांग थी, जो हर चुनाव में देखने को मिलती थी. एक हाईस्कूल, दूसरा लड़ावद पुल. अपने पहले कार्यकाल में विधायक अरुण भीमावद ने हाईस्कूल की मांग पूरी कर दी थी. 2023 के चुनाव में वर्तमान विधानसभा अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर जब चुनाव प्रचार के लिए आए थे, तो लोगों ने लड़ावद पुल की मांग की थी, जिसका आश्वासन नरेंद्र सिंह तोमर ने यह कहकर दिया था कि वे अरुण भीमावद को विधायक बनाएं, तो उसके बाद मैं खुद लड़ावद पुल का भूमिपूजन करने आऊंगा और वे अपने वादे के मुताबिक आज लड़ावद पुल के भूमिपूजन में शामिल हुए और ग्रामीणों को सौगात दी.

गौरतलब है कि शाजापुर विधानसभा का लड़ावद पुल हर चुनाव में एक मुद्दा रहा है. 30 साल से अधिक समय से लगातार ग्रामीण इस पुल की मांग कर रहे थे. लेकिन 2023 में शाजापुर विधायक अरुण भीमावद ने जनसंपर्क के दौरान कहा था कि लड़ावद पुल बनाना उनकी प्राथमिकताओं में शामिल है और अब ग्रामीणों को लड़ावद पुल के लिए इंतजार नहीं करना पड़ेगा. आज हुए कार्यक्रम में अरुण भीमावद ने कहा कि शाजापुर विधानसभा में एक भी कोना विकास से अछूता नहीं रहेगा.

जनता की मूलभूत सुविधाओं का ध्यान रखना प्रदेश सरकार और मेरा कर्तव्य है. कार्यक्रम में विधानसभा अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि 2023 के चुनाव में जनता ने अपना वादा निभाया और अरुण भीमावद को विधायक बनाया और अब हम दोनों अपना वादा निभाकर लड़ावद क्षेत्र के लोगों को यह पुल समर्पित करते हैं. लगभग 5 करोड़ की लागत से बनने वाला यह पुल 15 से 20 गांवों को जोड़ेगा. पुल के अभाव में क्षेत्र के आसपास के ग्रामीण आवागमन के लिए परेशान हुआ करते थे.

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