नयी दिल्ली, 09 जून (वार्ता) सरकार ने सेमीकंडक्टर और इलेक्ट्रॉनिकी उद्योगों को कल-पुर्जे और माध्यमिक उत्पाद एवं प्रणालियां बनाने वाले क्षेत्रों की विशेष जरूरतों को पूरा करने के लिये न्यूनतम जमीन में 80 प्रतिशत कमी करने और एसईजेड क्षेत्र के कल-पुर्जों को प्रशुल्क के आधार पर घरेलू बाजार में बेचने की छूट सहित विशेष आर्थिक क्षेत्र (एसईजेड) नियमों में कई महत्वपूर्ण सुधार किये हैं।
इसके साथ ही नये नियमों के तहत इस क्षेत्र में गुजरात और कर्नाटक में एसईजे के दो प्रस्तावों को भी मंजूरी दी गयी है।
वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय की सोमवार को जारी एक विज्ञप्ति के अनुसार एसईजेड नियम, 2006 के नियम पांच में संशोधन करते हुए, सेमीकंडक्टर या इलेक्ट्रॉनिक घटकों के विनिर्माण की खातिर विशेष रूप से स्थापित एसईजेड के लिए न्यूनतम भूमि की शर्त 50 हेक्टेयर से घटा कर 10 हेक्टेयर कर दी गयी है।
सरकार ने एसईजेड नियम, 2006 के नियम सात में संशोधन कर एसईजेड के लिए अनुमोदन बोर्ड को एसईजेड भूमि को केंद्र या राज्य सरकार या उनकी अधिकृत एजेंसियों के पास बंधक या पट्टे पर दिए जाने के मामलों में जमीन के ऋण-मुक्त होने की शर्त में ढील दी है।
संशोधित नियम 53 के तहत निःशुल्क आधार पर प्राप्त और आपूर्ति की गयी वस्तुओं के मूल्य को शुद्ध विदेशी मुद्रा (एनएफई) संबंधी गणना में शामिल किया जायेगा और उसका मूल्यांकन लागू सीमा शुल्क मूल्यांकन नियमों का उपयोग करके किया जायेगा।
इसी तरह के एक अन्य सुधार में एसईजेड के नियम 18 में संशोधन किया गया है, ताकि सेमीकंडक्टर के साथ-साथ इलेक्ट्रॉनिकी घटक विनिर्माण क्षेत्र में एसईजेड इकाइयों को लागू शुल्कों के भुगतान के बाद आयात- शुल्क प्रभावी घरेलू बाजार में भी आपूर्ति करने की अनुमति दी जा सके।
मंत्रालय का कहना है कि वाणिज्य विभाग द्वारा तीन जून को अधिसूचित इन संशोधनों से देश में उच्च तकनीक विनिर्माण को बढ़ावा मिलेगा, सेमीकंडक्टर विनिर्माण परितंत्र का विकास होगा और देश में उच्च कौशल वाली नौकरियां निर्मित होंगी।
विज्ञप्ति में यह भी कहा गया है कि इन संशोधनों के बाद एसईजेड अनुमोदन बोर्ड ने सेमीकंडक्टर और इलेक्ट्रॉनिक घटकों के विनिर्माण एसईजेड की स्थापना के लिए क्रमशः माइक्रोन सेमीकंडक्टर टेक्नोलॉजी इंडिया प्राइवेट लिमिटेड (एमएसटीआई) और हुबली ड्यूरेबल गुड्स क्लस्टर प्राइवेट लिमिटेड (एक्वस ग्रुप) से प्राप्त प्रस्तावों को मंजूरी दे दी है।
माइक्रोन गुजरात के साणंद में 37.64 हेक्टेयर क्षेत्र में 13,000 करोड़ रुपये के अनुमानित निवेश से तथा एक्वस कर्नाटक के धारवाड़ में 11.55 हेक्टेयर क्षेत्र में 100 करोड़ रुपये के अनुमानित निवेश से इलेक्ट्रॉनिकी घटकों के विनिर्माण के लिये अपना विशेष आर्थिक क्षेत्र (एसईजेड) स्थापित करेगी।