भोपाल, 11 मई (वार्ता) लोकसभा चुनाव के चौथे चरण के तहत मध्यप्रदेश के आठ संसदीय क्षेत्रों में आज शाम चुनाव प्रचार अभियान की समय सीमा समाप्त होने के साथ ही चुनावी शोरगुल थम गया।
देवास, उज्जैन, मंदसौर, रतलाम, धार, इंदौर, खरगोन और खंडवा में चुनाव प्रचार अभियान की समय सीमा शाम छह बजे समाप्त हो गयी। अब प्रत्याशी घर घर जाकर संपर्क कर सकेंगे और इन क्षेत्रों में कोई बाहरी व्यक्ति भी नहीं रुक सकेगा। इन क्षेत्रों में 13 मई को सुबह सात बजे से शाम छह बजे तक मतदान होगा।
चुनाव प्रचार अभियान के अंतिम दिन भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और कांग्रेस के नेताओं ने अपने संबंधित क्षेत्रों में प्रचार अभियान के तहत अपनी पूरी ताकत झोंक दी। भाजपा की ओर से मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव, प्रदेश भाजपा अध्यक्ष विष्णुदत्त शर्मा और अन्य नेताओं ने तथा कांग्रेस की ओर से प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी तथा पूर्व केंद्रीय मंत्री अरुण यादव ने प्रचार कार्य में हिस्सा लिया।
प्रदेश भाजपा के अनुसार राज्य में लोकसभा चुनाव के तहत मुख्यमंत्री डॉ यादव ने चार चरणों में 139 सभाओं को संबोधित किया। इसके साथ ही 49 रोड शो किए। मुख्यमंत्री ने सभी 29 लोकसभा क्षेत्रों में चुनाव प्रचार किया और इस दौरान उन्हें 178 विधानसभा क्षेत्रों में पहुंचने का अवसर मिला। डॉ यादव 25 प्रत्याशियों के नामांकनपत्र दाखिले के समय भी मौजूद रहे। उन्होंने प्रचार अभियान के दौरान 13 जिलों में रात्रि विश्राम भी किया।
मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी अनुपम राजन ने बताया कि संसदीय निर्वाचन क्षेत्र में मतदान समाप्ति के लिये निर्धारित समय के 48 घंटे पहले से चुनाव प्रचार बंद करने का प्रावधान है। प्रचार-प्रसार समाप्त होने की समय-सीमा के बाद बाहरी क्षेत्र के उन व्यक्तियों को, जो उस लोकसभा संसदीय निर्वाचन क्षेत्र के मतदाता नहीं हैं, उन्हें वह निर्वाचन क्षेत्र छोड़ना होगा। इसके लिए जिला निर्वाचन अधिकारी द्वारा सघन निगरानी अभियान भी चलाया जाता है।
निर्वाचन आयोग की ओर से उपलब्ध कराई गई जानकारी के अनुसार इन आठों संसदीय क्षेत्रों पर कुल 74 प्रत्याशी चुनाव मैदान में हैं। इनमें देवास और मंदसौर में आठ-आठ, खंडवा में 11, खरगोन में पांच, रतलाम में 12, धार में सात, इंदौर में 14 और उज्जैन में नौ प्रत्याशी शामिल हैं।
इस चरण में राज्य की इंदौर संसदीय सीट इन दिनों सर्वाधिक चर्चाओं में बनी हुई है। कांग्रेस ने यहां से अक्षय कांति बम को अपना अधिकृत प्रत्याशी घोषित किया था, लेकिन नामांकन वापसी के दिन उन्होंने सभी को चौंकाते हुए न केवल अपना नामांकन वापस ले लिया, बल्कि कांग्रेस को अलविदा कह कर भाजपा का दामन भी थाम लिया। इसके बाद अब इंदौर से कांग्रेस का कोई अधिकृत प्रत्याशी चुनावी मैदान में नहीं है। हालांकि प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी और पार्टी के अन्य नेता अब यहां लोगों से नोटा को वोट देने की अपील कर रहे हैं। भाजपा ने यहां से मौजूदा सांसद शंकर ललवानी पर ही दोबारा भरोसा जताया है।
चौथे चरण के साथ ही राज्य की सभी 29 लोकसभा सीटों पर मतदान संपन्न हो जाएगा। मतों की गिनती का कार्य चार जून को होगा। राज्य में वर्तमान 29 में से 28 पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का कब्जा है। एकमात्र छिंदवाड़ा सीट ही कांग्रेस के पास है।