देवी अहिल्या से प्रेरणा पाकर विरासत और विकास को साथ लेकर चल रहा भारत : मोदी

भोपाल, 31 मई (वार्ता) प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के विकास के लिए विरासत को भी सहेजे जाने पर जोर देते हुए आज कहा कि देवी अहिल्याबाई होलकर से प्रेरणा पाकर आज का भारत भी विकास और विरासत को साथ लेकर चल रहा है।

श्री मोदी यहां देवी अहिल्याबाई होलकर की 300वीं जन्म जयंती के अवसर पर आयोजित महिला सशक्तिकरण सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे। इस अवसर पर मध्यप्रदेश के राज्यपाल मंगुभाई पटेल, मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव और प्रदेश भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) अध्यक्ष विष्णुदत्त शर्मा भी मौजूद थे।

अपने संबोधन में श्री मोदी ने कहा कि देवी अहिल्याबाई को सामाजिक सुधारों के लिए याद रखा जाएगा। अब अगर बेटियों की शादी की उम्र की चर्चा हो तो कुछ लोगों को ‘सेक्युलरिज्म’ पर खतरा दिखने लगता है, पर देवी अहिल्या उस समय बेटियों की शादी की उम्र के बारे में सोचतीं थीं। उन्होंने इन सब समाज सुधार कार्यों को समर्थन दिया। उन्होंने मालवा की सेना में महिलाओं की विशेष टुकड़ी बनाई। पश्चिम की दुनिया को पता नहीं है, माताओं-बहनों के अधकारों के नाम पर वे हमें कोसते हैं, पर ढाई सौ साल पहले सेना में महिलाओं का होना, ये बहुत बड़ा कदम था। देवी अहिल्याबाई ने नारी सुरक्षा टोलियां बनाईं। माता अहिल्याबाई राष्ट्रनिर्माण में नारी शक्ति के अमूल्य योगदान का प्रतीक हैं। वे समाज में इतना बड़ा परिवर्तन लाने वाली थीं।

प्रधानमंत्री ने कहा कि देवी अहिल्या कहती थीं कि शासन का सही अर्थ जनता की सेवा करना और नागरिकों के जीवन में सुधार लाना होता है। उनकी इसी सोच को आगे बढ़ाना है। आज इंदौर मेट्रो की शुरुआत हुई है। दतिया और सतना भी हवाईसेवा से जुड़ गए हैं। ये सभी परियोजनाएं यहां सुविधा बढ़ाएंगी। इनसे विकास और रोजगार के अवसर पैदा होंगे। देवी अहिल्या प्रतीक हैं कि इच्छाशक्ति और दृढ़प्रतिज्ञा होती है तो विपरीत परिस्थितियां हों, तो भी परिणाम ला सकते हैं।

उन्होंने कहा कि अहिल्याबाई ने प्रभुसेवा और जनसेवा को कभी अलग नहीं माना। वे हमेशा शिवलिंग साथ लेकर चलती थीं। चुनौतीपूर्ण कालखंड में एक राज्य का नेतृत्व कांटों से भरा ताज था। अहिल्याबाई होलकर ने अपने राज्य की समृद्धि को नई दिशा दी। गरीब से गरीब को भी समृद्ध बनाया। वे भारत की विरासत की बहुत बड़ी संरक्षक थीं। जब हमारे मंदिरों और तीर्थें पर हमले हो रहे थे, तब उन्होंने उन्हें संरक्षित रखने का बीड़ा उठाया। काशी विश्वनाथ समेत पूरे देश में अनेक मंदिरों का दोबारा निर्माण कराया।

प्रधानमंत्री ने कहा कि जिस काशी में लोकमाता अहिल्याबाई ने विकास के इतने काम किये, उस काशी ने उन्हें भी सेवा का अवसर दिया। काशी में देवी अहिल्याबाई की मूर्ति लगवाई गई है। सुशासन का जो मॉडल उन्होंने अपनाया, उसमें गरीबों और वंचितों को सर्वाधिक प्राथमिकता दी।

श्री मोदी ने कहा कि देवी अहिल्या ने जल संरक्षण के कई कार्य किए। किसानों की आय बढ़ाने के लिए कपास और मसालों की खेती को प्रोत्साहित किया। वे हुनर की पारखी थीं। वे जूनागढ़ से कुछ परिवारों को महेश्वर लाईं और उनको साथ लाकर महेश्वर की साड़ी का काम कराया।

प्रधानमंत्री ने कहा कि देवी अहिल्या का प्रेरक कथन है, उसका भाव जो कुछ भी हमें मिला है, वो जनता द्वारा दिया ऋण है, जिसे हमें चुकाना है। सरकार इन्हीं मूल्यों पर चल कर काम कर रही है। नागरिक देवो भव, ये सुशासन का मंत्र है। सरकार की हर बड़ी योजना के केंद्र में माताएं बहनें हैं।

उन्होंने कहा कि देवी अहिल्या ने अपने शासनकाल में विकास कार्यों के साथ विरासत को भी सहेजा। आज का भारत भी विकास और विरासत दोनों को साथ लेकर चल रहा है।

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