राशिफल-पंचांग : 24 मई 2025

पंचांग 24 मई 2025:-
रा.मि. 03 संवत् 2082 ज्येष्ठ कृष्ण द्वादशी शनिवासरे दिन 3/49, रेवती नक्षत्रे दिन 10/38, आयुष्मान योगे दिन 12/22, तैतिल करणे सू.उ. 5/19 सू.अ. 6/41, चन्द्रचार मीन दिन 10/38 से मेष, पर्व- शनि प्रदोष व्रत, शु.रा. 1,3,4,7,8,11 अ.रा. 2,5,6,9,10,12 शुभांक- 3,5,9.
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आज जिनका जन्म दिन है-
उनका आगामी वषर्: शनिवार 24 मई 2025

वर्ष के प्रारंभ में आर्थिक योजनाओं में सुधार होगा, मान प्रतिष्ठा में वृद्धि होगी, वर्ष के मध्य में भाईयों के सहयोग से शत्रु पक्ष परास्त होगा, वाहन पशु आदि से लाभ होगा, आर्थिक क्षेत्र में कमी केकारण योजनायें वाधित होंगी, परिश्रम की अधिकता रहेगी, प्रियजनों के कारण कार्यो में हानि हो सकती है.
मेष और वृश्चिक राशि के व्यक्तियों का वाहन पशु आदि का लाभ प्राप्त होगा, भाईयों के सहयोग से शत्रु पक्ष परास्तहोगा, कर्क राशि के व्यक्तियों को आर्थिक योजनाओं में वृद्धि होगी, सिंह राशि के व्यक्तियों को मान प्रतिष्ठा में वृद्धि होगी,मिथुन और कन्या राशि के व्यक्तियों को वाणी कठोरता केकारण विवादों का सामना करना पड़ सकता है, धनु और मीन राशि के व्यक्तियों को आर्थिक कार्यो में योजनायें वाधित होंगी, वृष और तुला राशि के व्यक्तियों को आर्थिक मामलों में सावधानी रखकर कार्य करना हितकर रहेगा, मकर और कुंभ राशि के व्यक्तियों को यात्र में हानि हो सकती है.
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आज का भविष्य-शनिवार 24 मई 2025
आज जन्म लिये बालक का फल-
आज जन्म लिया बालक हंसमुख, मिलनसार होगा, जन्म स्थान सू दूर रहकर अपनी उन्नति करेगा, अपनी मनमर्जी का मालिक होगा, आय के एक से अधिक साधन उपलब्ध होंगे, विशेष विद्या का ज्ञाता होगा.
मेष- विरोधी की चालों से सावधान रहें, राजकीय मामले आपसी बातचीत से सुलझ सकते हैं, धार्मिक सत्संग से मानसिक प्रसन्नता एवं शांति रहेगी, नियमितता से कार्य करें.
वृषभ- आय के नये स्त्रोत बनेंगे, शारीरिक शिथिलता रहेगी, पूज्य व्यक्ति की सलाह उपयोगी सिद्ध होगी, विवादों को टालने का प्रयास करें.
मिथुन- सहूलियत के हिसाब से कार्य योजना में परिवर्तन कर लेंगे, अधिकारी सहमत होंगे, व्यवसायिक कार्यो की अधिकता रहेगी, जीवनसाथी का सहयोग रहेगा.
कर्क- अनुभवी लोगों की सलाह से दुविधा दूर होगी, खानपान पर ध्यान रखें, आर्थिक लेनदेन में सावधानी, कार्य की अधिकता रहेगी.
सिंह- अनहोनी का भय रहेगा, सामाजिक कार्य में आपकी उपस्थिति प्रसन्नता देगी, संतान के कारण भावनात्मक पीड़ा हो सकती है, खानपान पर संयम रखें.
कन्या- कार्यस्थल पर सुधार के लिये दिन-रात एक कर देंगे, दाम्पत्य सुख मिलेगा, भौतिक सुख सुविधाओं में वृद्धि होगी, मित्रों का समागम होगा.
तुला- जरूरी कार्य के लिये किसी का सहयोग लेना पड़ेगा, मित्र के रूखे व्यवहार से खिन्नताहोगी, शारीरिक श्रम अधिक करना पड़ेगा, लाभ में कमी आयेगी.
वृश्चिक- कार्य की गति धीमी होने से परेशानी होगी, लेनदेन की चिन्ता रहेगी, आकस्मिक खर्च होने का योग है, निजी पुरूषार्थ बना रहेगा.
धनु- स्वास्थ्य पर ध्यान नहीं दे पायेंगे, समय पर सोचे हुये कामकाज बनने का योग है, मान सम्मान की प्राप्ति होगी, विद्यार्थी वर्ग को परिश्रम होगा.
मकर- लाभकारी योजना बनेगी, भावनात्मक सम्बन्धों में मधुरता आयेगी, विशेष श्रम एवं प्रयास करने का योग है, मन: स्थिति संतोषप्रद रहेगी.
कुम्भ- मेहमानों की आवाजाही से घर में उल्लास का माहौल रहेगा, नवीन योजनाओं का क्रियान्वयन होगा, शीघ्र कार्य शुभारंभ होगा, मित्रता उपयोगी रहेगी.
मीन- समय पर कार्य न होने से परेशानी होगी, नौकरी सम्बन्धी प्रयासों में सफलता मिलेगी, राजकीय सहयोग मिलेगा, सुविधाओं की वृद्धि होगी.
व्यापार भविष्य:
ज्येष्ठ कृष्ण द्वादशी को रेवती नक्षत्र के प्रभाव से रूई, कपास, सूत, के भाव में तेजी होगी, गेहॅू, जौ, चना, गुड़, खांड़ मॅूग, मोठ, अरहर के भाव मेंतेजी होगी, भाग्यांक 2623 है.
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संपादकीय

बेटियों की सुरक्षा अब जागरूकता की पुकार

इंदौर की एक निजी शूटिंग अकादमी में जो कुछ उजागर हुआ है, वह महज एक स्थानीय आपराधिक घटना नहीं, बल्कि गहराई से आती हुई साजिश है, जिसे नज़र अंदाज़ करना अब हमारे सामाजिक और पारिवारिक तानेबाने के लिए खतरनाक हो चला है. मोहसिन खान नामक एक प्रशिक्षक पर आरोप है कि उसने प्रशिक्षण की आड़ में कई युवतियों को शारीरिक और मानसिक शोषण का शिकार बनाया.पुलिस ने उसके मोबाइल फोन से 10 अलग-अलग लड़कियों के आपत्तिजनक वीडियो बरामद किए हैं. यह अपराध केवल कानून की दृष्टि से संगीन नहीं, बल्कि सामाजिक स्तर पर भी चिंता का विषय है. यह सवाल उठाता है कि आखिर किस मनोवृत्ति के तहत बेटियों को विश्वास में लेकर उन्हें बार-बार निशाना बनाया जाता है ? एक पीडि़ता ने यह भी आरोप लगाया है कि आरोपी उसे पूजा-पाठ से दूर रहने और नॉनवेज खाने का दबाव डालता था. यह केवल यौन अपराध नहीं, बल्कि एक युवती की धार्मिक और सांस्कृतिक अस्मिता पर भी हमला है.ऐसे मामलों में केवल आरोपी को कठघरे में खड़ा करना पर्याप्त नहीं, हमें यह भी समझना होगा कि यह अपराध कैसे पनपते हैं.
यह सोची-समझी मानसिकता का परिणाम है जो भावनात्मक नजदीकी का मुखौटा ओढ़कर युवतियों को फंसाने का प्रयास करती है.
यह वही षड्यंत्र है जिसे करीब दो दशक पहले केरल के विचारक और भारतीय विचार केंद्र के संस्थापक पी. परमेश्वरन ने “लव जिहाद” की संज्ञा देकर उजागर किया था. बाद में केरल हाईकोर्ट ने भी इस खतरे की पुष्टि की. केरल की वामपंथी राजनीति से जुड़े अनेक नेताओं ने भी इस प्रवृत्ति की गंभीरता को स्वीकार किया है.”लव जिहाद” शब्द को लेकर सामाजिक विमर्श में मतभेद रहे हैं, परंतु उस प्रवृत्ति को नकारा नहीं जा सकता जिसमें युवतियों को प्रेम या शादी के नाम पर फंसाकर उनकी आस्था, स्वतंत्रता और गरिमा को कुचला जाता है.यह प्रवृत्ति सिर्फ लड़कियों को ही नहीं, हमारे लोकतांत्रिक, धार्मिक और सांस्कृतिक तानेबाने को भी चुनौती देती है.हाल के वर्षों में भोपाल, दिल्ली, मेरठ, जयपुर, मुंबई सहित अनेक शहरों से इसी प्रकार के मामले सामने आए हैं, जहां आरोपी युवकों की पहचान, कार्यप्रणाली और शिकार बनाए जाने का पैटर्न लगभग एक जैसा रहा है.यह केवल व्यक्तिगत अपराध नहीं, बल्कि सुनियोजित मनोवैज्ञानिक हिंसा है.इससे लड़कियों की आत्मा, आत्मविश्वास और सामाजिक प्रतिष्ठा तीनों पर आघात होता है.ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने के लिए , सामाजिक, पारिवारिक.कानूनी स्तर पर? ऐसे मामलों को गंभीरता से समझने की जरूरत है. ऐसे दरिंदों को सजा देने के लिए फास्ट्रैक कोर्ट और डिजिटल सबूतों की फॉरेंसिक पड़ताल अनिवार्य होनी चाहिए.बहरहाल,पारिवारिक स्तर पर दरअसल,
एकल परिवारों में संवाद की कमी, सामाजिक संकोच और “क्या कहेंगे लोग” की मानसिकता इस अपराध को पनपने देती है.संयुक्त परिवारों की परंपरा में संवाद और संरक्षण की जो भावना थी, वह अब नदारद होती जा रही है. ऐसे में पालकों की जिम्मेदारी और बढ़ जाती है कि वे बच्चों के जीवन में सहभागी बनें, उन पर नियंत्रण नहीं, विश्वास और संवाद स्थापित करें.दरअसल, “जब पारिवारिक संरचना कमजोर होती है, तब समाज की जड़ें भी हिलने लगती हैं।” इस संकट से उबरने के लिए केवल पुलिस या सरकार पर नहीं, बल्कि हर नागरिक पर जिम्मेदारी आती है.मोहसिन खान का मामला केवल इंदौर तक सीमित नहीं रहेगा अगर हम सतर्क नहीं हुए, तो यह हमारे समाज के सहिष्णु ताने-बाने
के लिए बेहद गंभीर चेतावनी है.भारत जैसे विविधतापूर्ण और धर्मनिरपेक्ष देश में सांस्कृतिक सम्मान और व्यक्तिगत स्वतंत्रता की रक्षा समान रूप से जरूरी है. किसी भी समुदाय को दोषी ठहराना समाधान नहीं है, परंतु प्रवृत्ति को पहचानना और उसे नष्ट करना हमारा सामाजिक कर्तव्य है.हमें सामूहिक चेतना जगानी होगी कि किसी भी नाम पर, किसी भी बहाने से बेटियों के साथ होने वाला धोखा अब बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.यह समय है. सामाजिक आत्मनिरीक्षण का, पारिवारिक जागरूकता का और कानूनी कठोरता का ताकि भविष्य में कोई और युवती शूटिंग अकादमी जैसी किसी जगह को दु:स्वप्न न कहे.

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नीमच। जिले के रतनगढ़ में गुंजली नदी में शुक्रवार शाम एक मगरमच्छ ने मजदूर पर हमला कर दिया। सैलाना तहसील के बजाना गांव का रहने वाला रमेश मजदूरी के लिए रतलाम से नीमच आया था। वह बोरदिया रोड पर अपने साथियों के साथ रह रहा था। काम से लौटने के […]

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