रादुविवि कुलगुरु पर महिला अधिकारी द्वारा लगाए गए आरोपों पर कोर्ट सख्त

जबलपुर। रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय के कुलगुरु प्रो. राजेश वर्मा पर महिला अधिकारी से अभद्रता के मामले में हाईकोर्ट ने कलेक्टर को निर्देशित किया है कि फॉरेन्सिक व तकनीकी विशेषज्ञों से इस बात की जांच कराएं कि घटना के दिन सीसीटीवी कैमरा काम कर रहा था या नहीं। जस्टिस विशाल मिश्रा की एकलपीठ ने मामले में यह बताने के निर्देश दिये है कि कैमरा व डीवीआर कब इंस्टॉल हुआ, किस तारीख तक चालू हालत में था और किस दिन बंद था। एकलपीठ ने इसका कारण भी बताने कहा है, साथ ही रादुविवि के कुलसचिव को भी हलफनामे पर यह बताने कहा है कि पूर्व निर्देश के पालन में तत्काल घटना दिनांक के सीसीटीवी फुटेज सुरक्षित क्यों नहीं किए गए। कुलसचिव यह भी बताएं कि कैमरे में आई खामी को दूर क्यों नहीं किया गया। न्यायालय ने दोनों रिपोर्ट अगली सुनवाई यानी 15 मई को पेश करने के निर्देश दिए।

गौरतलब है कि रादुविवि कुलगुरु द्वारा महिला अधिकारी से अभद्रता की जांच के लिए पांच सदस्यीय कमेटी का गठन किया गया था। विश्वविद्यालय द्वारा कमेटी को यह कहा गया कि घटना के दिन सीसीटीवी कैमरा काम नहीं कर रहा था। पीड़ित महिला अधिकारी की ओर से अधिवक्ता आलोक वागरेचा ने पक्ष रखा। उन्होंने बताया कि 21 नवंबर 2024 को एक मीटिंग के दौरान कुलगुरु ने अभद्र इशारा किया था। सभी के सामने कुलगुरु ने मर्यादा के विपरीत अशोभनीय टिप्पणी के अलावा अभद्र इशारा भी किया। इससे महिला अधिकारी का अपमान हुआ और उन्हें मानसिक प्रताडऩा का शिकार होना पड़ा। जिसकी शिकायत प्रमुख सचिव व राज्य महिला आयोग को भेजी गई थी। कोर्ट ने पूर्व में सरकार को निर्देश दिए थे कि घटना के दिन के सीसीटीवी फुटेज सुरक्षित रखे जाएं। पिछली सुनवाई के दौरान शासन की ओर से कोर्ट को बताया गया था कि फुटेज सुरक्षित कर लिये गये है। मामले में आगे हुई सुनवाई पर न्यायालय ने उक्त निर्देश दिये।

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