दहेज की मांग को लेकर क्रूरता साबित करने पर ही अपराध साबित होता है

जबलपुर। सत्र न्यायाधीश आलोक अवस्थी की अदालत ने अपने एक अहम आदेश में साफ किया कि दहेज की मांग को लेकर क्रूरता साबित होने पर ही अपराध साबित होता है। चूंकि इस प्रकरण में आरोप सिद्ध नहीं हुआ है और कई त्रुटियां भी पाई गईं, अत: आरोपी पति को दहेज के लिए प्रताडि़त करते हुए पत्नी को आत्महत्या के लिए विवश करने के आरोप से मुक्त किया जाता है।

मामले की सुनवाई के दौरान आरोपित गंगा सागर गढ़ा निवासी अजय वर्के की ओर से अधिवक्ता संदेश दीक्षित ने पक्ष रखा। उन्होंने दलील दी कि 19 नवंबर 2022 को आरोपित की पत्नी विनिका वर्के ने फांसी लगा ली थी। जिसके बाद दहेज प्रताडऩा का आरोप लगाया गया। गढ़ा थाने में अपराध पंजीबद्ध हो गया। दूसरे पक्ष का आरोप था कि पति ने पत्नी को दहेज के लिए इस कदर प्रताडऩा दी कि उसने तंग आकर विवाह के सात वर्ष के भीतर इहलीला समाप्त कर ली। दरअसल, यह आरोप मनगढ़ंत है। ऐसा इसलिए क्योंकि मृतिका के शव पर किसी तरह की मारपीट के निशान नहीं थे। साथ ही ऐसे साक्ष्य में अप्राप्त हैं, जिनके सिद्ध हो सके कि पति क्रूरता करता था। साथ ही अनुसंधान प्रक्रिया में पर्याप्त साक्ष्यों का अभाव परिलक्षित हुआ। जिस कारण आरोपी को दोषमुक्त कर दिया जाना चाहिए। अदालत ने तर्क से सहमत होकर राहत दे दी।

Next Post

नए मकान में रहते पांच दिन ही हुए और अज्ञात चोरों ने दिखाया कमाल

Fri May 9 , 2025
Share on Facebook Tweet it Share on Reddit Pin it Share it Email सीहोर. चंद रोज पहले अपने नए घर में रहने आए पति- पत्नी को भनक भी नहीं लगी और चोर उनके कमरे में रखी अलमारी में से हजारों रुपए की नगदी ले उड़े. पीडि़त मकान मालिक की मानें […]

You May Like