
इंदौर। केंद्र सरकार के निर्देश पर इंदौर में ब्लैकआउट और मॉक ड्रिल सफल रही। शाम 7:30 बजे सायरन बजते ही शहर में लाइटें बंद हो गईं, नागरिकों और दुकानदारों ने स्वेच्छा से सहयोग किया। पुलिस ने मुख्य स्थानों पर मोर्चा संभाला और 7:42 पर सायरन के बाद बिजली बहाल की गई। यह अभ्यास आपातकालीन स्थितियों से निपटने के लिए किया गया था।
प्रशासन द्वारा तय समय के पूर्व ही राजबाड़ा पर दुकानदारों और भवन मालिकों ने बिजली बंद कर दी थी। राजबाड़े पर वाहन चालकों से लेकर सिटी बस तक सबने वाहनों की लाइट बंद कर खड़े हो गए थे।
ब्लैक आउट के दौरान राजबाड़ा पर युवाओं की टोली ने पाकिस्तान मुर्दाबाद और भारत माता के जय, जय हिंद तथा वंदे मातरम के नारे लगाए।
इसके बाद जैसे ही 7.42 पर ब्लैक आउट खोलने का सायरन बजा, वैसे ही फिर बाजारों और मुख्य मार्गो पर लाइटें चालू हो गई। साथ ही वाहन चालक अपने वाहनों को स्टार्ट कर भारत माता की जय का नारा लगाते हुए अपने गंतव्य की ओर निकल गए। खास बात यह है कि ब्लैक आउट के दौरान कोई अप्रिय स्थिति नहीं बनी।
पूरे शहर में जो जहां था वहीं थम गया। प्रशासन के निर्देश का जनता ने पूर्णतः पालन किया। कुछ स्थानों पर जरूर वहां चालक जानकारी नही होने से लाइट चालू करके वाहन चलाते नजर आए। सड़क पर खड़ी जनता ने ही उनसे आग्रह करके और जानकारी देकर लाइट बंद करने का कहा और वहां चालकों ने भी नागरिकों को बात मान गाडियां खड़ी कर दी। ऐसा ही शहर की कुछ इलाकों में जानकारी नहीं होने पर घटित हुआ , लेकिन वह बहुत कम संख्या में देखने आया। कुल मिलाकर प्रशासन द्वारा घोषित समय पर जनता ने समर्थन किया और पूरा शहर 12 मिनिट के दौरान अंधेरे में रहा । इस दौरान लोग अंधेरे के मोबाइल से वीडियो बनाते और फोटो खींचते नजर आएं।
