मुद्दा छीनने से विन्ध्य में सक्रिय राजनैतिक दलों में मायूसी

विन्ध्य की डायरी
डॉ रवि तिवारी
विन्ध्य में सक्रिय सभी प्रमुख दलों में जातिगत जनगणना की बात केंद्र की भारतीय जनता पार्टी द्वारा स्वीकार कर लिए जाने से मायूसी दिखाई देने लगी है. पिछले कुछ वर्षों से मुद्दा आधारित राजनीति के चलन ने सभी दलों को इतना प्रभावित कर दिया है कि राजनैतिक दल किसी भी मुद्दे के पक्ष में या विपक्ष में अपनी राजनैतिक रोटियां सेकते रहते हैं. संयोग है कि बहुजन समाज पार्टी के सामाजिक न्याय का बिगुल जिस ढंग से विन्ध्य में फूका गया उसमें जातिवादी राजनीति का ऐसा रस शामिल था जिसने विन्ध्य के पुराने सभी स्थापित रणनीतिक समीकरणों को धरासायी कर दिया.बड़े दलों के बड़े-बड़े नेताओं को हासिए में ऐसा धकेला की उसमें से कई कभी फिर उबर नही पाए.

जातिगत जनगणना को लेकर विन्ध्य में सबसे ज्यादा उत्साहित पिछड़ा वर्ग को अभी से जनगणना के बाद होने वाले नए ध्रुवीकरण की चिंता सताने लगी है. अभी तक आपसी तालमेल की वजह से सत्ता की सीढ़ी आसानी से चढ़ जाने वाले नेताओं को अब काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा.जानकारों का कहना है कि अब समाज के सभी वर्गों में राजनैतिक महत्वाकांक्षा चरम पर है. हर समाज सत्ता में सीधी भागेदारी चाहता है. ऐसी स्थिति में जनगणना के बाद जब लोगों के पास उनके समाज के वास्तविक आंकड़े होंगे तो वो अवसर का लाभ लेने की पूरी कोशिश करेंगे चाहे उसकी उन्हें कोई भी कीमत अदा करनी पड़े.फिलहाल काग्रेस ने इस मुद्दे पर मिली सफलता को लेकर जनता के बीच जाने का मन बनाया है. उसे उम्मीद है कि इस मसले पर उसे जनसमर्थन मिल सकता है.
रीवा को मिली दो बड़ी सौगात
कभी विन्ध्य की राजधानी रहे रीवा को ऊर्जावान उपमुख्यमंत्री राजेन्द्र शुक्ल के प्रयासों से फिर राजधानी स्तर का गौरव हासिल होने की उम्मीद है. हाईकोर्ट की तर्ज पर बनाए गए जिला न्यायालय के विशाल भवन की सौगात मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने रविवार को जनता को समर्पित किया.निजी जमीन अधिग्रहित कर बनाए गए अन्तराष्ट्रीय मापदंडों के हवाई पट्टी का लोकार्पण के बाद जिस प्रकार से नए औद्योगिक प्रतिष्ठानो की स्थापना के प्रयास किए जा रहे हैं.

उससे स्पष्ट है कि भविष्य में रीवा प्रदेश के महानगरों में गिना जाने लगेगा.रविवार को ही मुख्यमंत्री ने अतिविशिष्ट व्यक्तियों के लिए बनाए गए आधुनिक सर्किट हाउस का भी लोकार्पण किया. पूर्व में रीवा आने वाले विशिष्ट व्यक्तियों को राजनिवास में ठहराया जाता था.अब नए सर्किट हाउस के बन जाने से रीवा को दोहरी व्यवस्था की सौगात मिल गई है.
पुलिस अपराधियों के मेल से किरकिरी
विन्ध्य में अनैतिक कारोबार में जिस ढंग से पुलिस और अपराधियों के बीच आपसी गठजोड़ बन चुका है. जैतवारा की घटना ने उसे पर्दे के बाहर ला दिया है. पुलिस आरोपी को पकड़ने की कहानी गढ़ कर चाहे कितना भी गाल बजा ले पर विभाग के आला अधिकारियों को उन बातों पर भी गौर करना चाहिए कि अपराधी इतना साहस कैसे जुटा सकता है कि वह थाने के अंदर आकर किसी बड़े अपराध को अंजाम दे जाए

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