भोपाल। टीकाकरण जागरूकता के लिए राजधानी में विश्व टीकाकरण सप्ताह का आयोजन किया जा रहा है । सप्ताह के दौरान रिक्त उप स्वास्थ्य केंद्रों, कम उपलब्धि वाले वार्डों,उप स्वास्थ्य केंद्रों एवं हाईरिस्क क्षेत्र में आशा एवं आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के माध्यम से जन्म से लेकर 5 वर्षों के बच्चों की सूची तथा ड्यू लिस्ट अनुसार टीकाकरण किया जा रहा है। भोपाल जिले में पिछले साल 60275 बच्चों को टीके लगाए गए थे। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय भारत सरकार द्वारा दिसंबर 2026 तक खसरा और रूबेला के निर्मूलन का लक्ष्य निर्धारित किया गया है । खसरा और रूबेला संक्रामक रोगों के शून्य मामलों के लक्ष्य प्राप्त करने के उद्देश्य की पूर्ति के लिए एम आर 1 एवं एम आर 2 अटीकाकृत बच्चों की जानकारी घर-घर जाकर ली जा रही है । जिले में 50789 बच्चों को एम आर 1 और 47928 बच्चों को एम आर 2 टीके लगाए गए हैं। प्रत्येक गर्भवती महिला को टी डी टीके का डोज सुनिश्चित करने के लिए टीकों का सत्यापन भी किया जा रहा है। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी भोपाल डॉ प्रभाकर तिवारी ने बताया कि 12 गंभीर बीमारियों से अपने बच्चों को बचाने के लिए समय पर टीके लगवाना हर माता-पिता का मूलभूत दायित्व है। पोलियो जैसी गंभीर बीमारी का उन्मूलन टीकाकरण के माध्यम से ही किया गया है। टीकों के द्वारा ही कई बीमारियों का उन्मूलन किया जा चुका है। टीकाकरण कार्यक्रम के अंतर्गत हेपेटाइटिस बी, पोलियो ,बीसीजी, रोटावायरस, एफ आई पी वी, पीसीवी , पेंटावेलेंट, विटामिन ए, मीजल्स , रुबेला, डीपीटी, टी डी के टीके लगाए जा रहे हैं। ये सभी टीके शासकीय स्वास्थ्य केंद्रों में निशुल्क लगाए जाते हैं।
