हुड़दंगी बेटे के कारण गोलू के राजनीतिक भविष्य पर प्रश्न चिन्ह

इंदौर: इंदौर की राजनीति में पद की गरिमा बनाए रखना स्थानीय नेताओं के परिवार को रास नहीं आता है. उस पर फिर पारिवारिक पृष्ठभूमि का रोब झाड़ना अपना धर्म समझते है. ऐसा ही कांड देवास माता मंदिर पर विधायक पुत्र ने पृष्ठभूमि का प्रदर्शन कर अपना रुतबा झाड़ा. उसका असर यह हुआ कि पूरे प्रदेश में भाजपा की राजनीतिक गलियारों में किरकिरी हो रही है. गोलू शुक्ला के राजनीतिक भविष्य पर अब प्रश्न चिन्ह लग रहा है.

राजनीति में पद और रुतबा पाना आसान है और जब किसी पार्टी की हवा चलती है तो कोई भी चुनाव जीत जाते है. चुनाव जीतने पर एक व्यक्तित्व का परिचय जनता को होता है. उस व्यक्ति की पहचान दबंगई की रहती है. उसका असर घर बच्चों पर भी आ जाता है. बच्चे साख को मिटाने में पीछे नहीं रहते है. ऐसा ही कुछ शहर विधानसभा तीन के स्वघोषित सनातनी विधायक गोलू शुक्ला के साथ हो रहा है. राकेश शुक्ला उर्फ गोलू का बेटा रुद्राक्ष शुक्ला अपने पिता के राजनीतिक भविष्य पर खतरा बन चुका है. देवास टेकरी पर अधर्मी का परिचय देकर रुद्राक्ष ने अपने पिता की विधायकी खतरे में डाल दी है.

यह बात अलग है कि गोलू शुक्ला सत्ताधारी दल भाजपा के विधायक है. देवास टेकरी मामले में कांग्रेस ने बहुत तेजी से हमलावर होकर बीजेपी पर सनातन धर्म को तंज और कटाक्ष किया. भाजपा की माता मंदिर पर बंद पट खुलवाने और पुजारी के साफ मारपीट, गली गलौच करने को लेकर बहुत किरिकिरी शुरू हो गई. भाजपा रक्षात्मक नजर आने लगी. दूसरी ओर प्रशासन द्वारा रुद्राक्ष पर कार्रवाई नहीं करने को एक लेकर आरएसएस और वरिष्ठ भाजपा नेता नाराज होकर दिल्ली तक शिकायत भेज चुके हैं. आज जाकर प्रकरण दर्ज होने के बाद उन्होंने सरेंडर किया है.
दिल्ली तक भेजे वीडियो
बताया जाता है कि दिल्ली में बकायदा वीडियो भेजे गए है. आरएसएस के कुछ वरिष्ठ लोगों ने मामले में गंभीरता नहीं दिखाने की शिकायत उच्च पदस्थ संघ के लोगों से की है. घटना के तीन दिन बाद प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा ने बयान जारी किया. अपने हुड़दंगी पुत्र को गोलू शुक्ला ने असामाजिक कृत्य करने से कभी नहीं रोका. आज संपूर्ण मालवा आंचल में रुद्राक्ष हुडदंग करने से बाज नहीं आ रहा है.

भाजपा सनातन धर्म की प्रवर्तक है, लेकिन गोलू और उनके पुत्र जैसे लोग अपनी हठधर्मिता से गैर सनातनी कार्य करने से नहीं चूक रहे है. विधायक पुत्र रुद्राक्ष ने ऐसा कांड कोई पहली बार नहीं किया है, खजराना और महांकाल मंदिर में भी गैर सनातनी कृत्य कर चुका है. खैर, जो भी हो, लेकिन राजनीतिक गलियारों में पूरे प्रदेश में कांग्रेस ने भाजपा को न सिर्फ बचाव मुद्रा में ला दिया है, बल्कि विधायक शुक्ला के विषय में सोचने पर मजबूर भी कर दिया है. संघ का विरोध शुक्ला पर भारी पड़ सकता है और उनकी विधायकी खतरे में पड़ सकती है

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