19 लड़का-लड़की गायब होने की खबर निकली गलत, एसपी दमोह ने किया खुलासा

दमोह:सुनहरा कल संस्था द्वारा 03 मार्च 24 को रोजगार हेतु दमोह से दिल्ली भेजे गए 16 लड़कियां और 3 लड़कों (सभी व्यवस्क) के संबंध में जानकारी दी. पुलिस अधीक्षक श्री सोमवंशी ने बताया कि उक्त प्रकरण की प्राथमिक जांच की गई है.यह प्रकरण प्रथम एजुकेशन फाउंडेशन द्वारा संचालित सुनहरा कल स्किल डेवलपमेंट स्कीम के अंतर्गत वोकेशनल ट्रेनिंग से संबंधित है रोजगार हेतु दमोह से दिल्ली 16 लड़कियां और 3 लड़के (सभी व्यवस्क) रोजगार हेतु भेजे गए, जो कि एनजीओ प्रथम एजुकेशन फाउंडेशन द्वारा हेल्थ सेक्टर एवं अन्य सेक्टरस् में रोजगार कार्य हेतु उपलब्ध कराये गये थे.

प्रकरण में संस्था में कार्यरत विमल विश्वकर्मा निवासी तीन गुल्ली दमोह मोबाइल द्वारा प्राप्त जानकारी अनुसार पाया गया है कि, 16 व्यवस्क लड़कियां और 3 व्यवस्क लड़के दमोह से वोकेशनल ट्रेनिंग के बाद प्लेसमेंट के लिए दिल्ली भेजे गये थे. जिसमें से 16 लड़के-लड़कियां अपने घर वापिस आ चुके है.2 लड़कियां वर्तमान में दिल्ली में कार्यरत हैं, उनके माता-पिता से संपर्क करने पर यह जानकारी प्राप्त हुई है.एक व्यवस्क लड़की जो रहली, सागर की रहने वाली है, वर्तमान में उसका मोबाइल नंबर बंद है. जिसकी गुमशुदगी थाना न्यू अशोकनगर, दिल्ली में दर्ज है, जिसकी तलाश की जा रही है.
मामला धर्मांतरण का नहीं, रोजगार का है-एसपी श्री सोमवंशी
ट्वीट में लड़कियों से उनके मोबाइल छीनने की बात भी कही गई. ट्वीट के बाद पुलिस-प्रशासन हरकत में आ गया. पुलिस अधीक्षक श्री सोमवंशी ने पूरी जानकारी तलब की. प्राथमिक तौर पर पड़ताल कराई. इसके बाद पुलिस अधीक्षक ने बताया यह मामला मानव तस्करी और धर्मांतरण का नहीं बल्कि रोजगार से संबंधित है. उन्होंने मीडिया को बताया लड़के-लड़कियों की संख्या 22 नहीं बल्कि 19 है. जिसमें 16 लड़कियां और तीन लड़के शामिल हैं. इन सभी लड़कियों में से 16 बच्चे अपने घरों में आ चुके हैं. उनके माता-पिता से भी बात हो गई है. सिर्फ तीन बच्चे ही है जो घर पर नहीं पहुंचे हैं, उनमें से भी दो बच्चे दिल्ली में रहकर ही नौकरी कर रहे हैं.

केवल एक लड़की गायब है. उसकी प्राथमिक रिपोर्ट दिल्ली के अशोक नगर पुलिस थाने में दर्ज है.एसपी ने कहा- एक लड़की मिसिंग, पुलिस जांच में जुटी. एसपी ने बताया हम कॉल डिटेल, मैसेज लोकेशन और भी कई तरह के साइबर टूल की मदद से गुमशुदा बच्ची की तलाश करने का प्रयास कर रहे हैं. उम्मीद है कि दो से तीन दिन के अंदर उस बच्ची का हम पता लगा लेंगे और उसे परिवार के सुपुर्द कर दिया जाएगा. पुलिस अधीक्षक ने यह भी कहा कि प्रथम संस्था मुंबई की बहुत बड़ी एजुकेशनल संस्था है. इसका मानव तस्करी और धर्मांतरण से कोई लेना-देना नहीं है. हम इस मामले की भी जांच कर रहे हैं कि क्या बच्चियों के साथ किसी तरह की कोई घटना हुई थी या नहीं.

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