जांच में आरोप सिद्ध होने पर भी नही हुई कार्रवाई

मामला चितरंगी मुख्यालय में निर्मित कस्तुरबा गांधी छात्रावास निर्माणाधीन भवन के गुपचुप तरीके से हैण्डओवर का , दो साल में भी नही हुई कार्रवाई, जांच प्रतिवेदन तिजोरी में बन्द

सिंगरौली : चितरंगी मुख्यालय के 50 सीटर कस्तुरबा गांधी आवासीय छात्रावास के निर्माणाधीन भवन के हैण्डओवर के मामले में जांच में शिकायत की पुष्टि होने के बावजूद संबंधित जिला शिक्षा केन्द्र के सहायक यंत्री पर करीब दो साल भी जिला पंचायत सीईओ एवं जिला प्रशासन कार्रवाई करने का साहस नही जुटा पाया है। सहायक यंत्री पर कार्रवाई न किये जाने से जिला पंचायत का संरक्षण होने के बू आ रहा है।गौरतलब है कि वर्ष 2014-15 में लाखों रूपये की लागत से चितरंगी ब्लाक मुख्यालय में 50 सीटर केजीवीव्ही छात्रावास भवन बनाने की स्वीकृति मिली थी।

उक्त कार्य का क्रियान्वयन एजेंसी पीआईयू था। आरोप है कि निर्माणाधीन छात्रावास भवन के सभी कमरों में बल्व, टयूबलाईट, सीलिंग फैन, पानी व्यवस्था नल फीटिंग, खिड़की, दरवाजे, सीढ़ी एवं बाउन्ड्रीवाल जैसे कार्य नही कराये गये। इसके बावजूद सहायक यंत्री विनोद शाह ने डीपीसी के बगैर हस्ताक्षर के ही क्रियान्वयन एजेंसी पीआईयू से हैण्डओवर ले लिया। जबकि सूत्र बताते है कि बिना डीपीसी के हस्ताक्षर के उक्त भवन को हैण्डओवर नही लेना था। इसके बावजूद उक्त छात्रावास भवन का आधिपत्य लेने में सहायक यंत्री पीआईयू के संभागीय परियोजना अधिकारी लोनिवि सिंगरौली एवं संविदाकार के साथ-साथ बीआरसीसी ने मिलकर ले लिया है। चर्चाएं यहां तक है कि बीआरसीसी चितरंगी सियाराम भारती ने वार्डन पर जबरन दबाव बनाया था।

जबकि तत्कालीन वार्डन निर्माणाधीन छात्रावास के संबंध में विभागीय अधिकारियों को वस्तुस्थिति से अवगत कराती रही । बावजूद इसके सहायक यंत्री ने गुपचुप तरीके पीआईयू एवं संविदाकार पर दयादृष्टि दिखाते हुये भवन को हैण्डओवर ले लिया था। वही इसकी शिकायत तत्कालीन कलेक्टर राजीव रंजन मीणा से शिकायत की गई थी। उन्होंने खुद निर्माणाधीन उक्त भवन का निरीक्षण किया था। जहां अनेकों खामिया पाये जाने पर जांच टीम गठित करने के साथ-साथ प्रतिवेदन भी मांगा था। वही यह भी बताते चले की यह मामला तत्कालीन विधायक चितरंगी के यहां पहुंचा था। विधायक ने 17 जुलाई 2023 को इस संबंध में कलेक्टर को पत्र लिख कार्यवाही किये जाने को कहा था। इसके बाद कमेटी ने जांच किया। आरोप सही पाये जाने के बावजूद संबंधित सहायक यंत्री पर जिला पंचायत सीईओ ने कार्रवाई नही किया। बल्कि सहायक यंत्री पर मेहरवानी दिखाते हुये जनपद पंचायत बैढऩ क्षेत्र के कई पंचायतों का काम काज सौंपा हुआ है। हालांकि जिला पंचायत सीईओ की दयादृष्टि सहायक यंत्री पर तकरीबन डेढ़ साल से है। फिलहाल निर्माणाधीन उक्त छात्रावास के मामले में करीब दो साल के बाद कार्रवाई न किये जाने ेपर जिम्मेदार अधिकारी कई तरह के प्रश्र चिन्ह लग रहा है।
जांच में शिकायत की पुष्टि होने पर भी कार्रवाई का नतीजा फिसर
चितरंगी में 50 सीटर कस्तुरबा गांधी आवासीय छात्रावास भवन की जांच पूर्ण एवं शिकायत की पुष्टि होने के बावजूद सहायक यंत्री पर अधिकारियों की कृपादृष्टि से शिक्षा विभाग में भी तरह-तरह की चर्चाएं चल रही है। यहां बताते चले की उक्त निर्माणाधीन छात्रावास भवन को सहायक यंत्री के द्वारा आधिपत्य लिये जाने के बाद इसकी शिकायत तत्कालीन कलेक्टर राजीवरंजन मीणा से की गयी थी। जहां कलेक्टर ने स्वंय छात्रावास भवन का निरीक्षण किया था और गड़बड़ी मिलने पर डीपीसी जिला शिक्षा केन्द्र को जांच के लिए टीम गठित के लिए निर्देशित किया था। जहां डीपीसी ने तीन सदस्यीय जांच टीम गठित किया और जांच टीम ने 10 मार्च 2022 को जांच प्रतिवेदन डीपीसी को सौंपा था। जांच टीम में शामिल बीईओ, प्राचार्य शासकीय कन्या उमावि एवं अन्य ने प्रतिवेदन में स्पष्ट तौर पर लिखा था कि भवन आधा-अधूरा है। शिकायत पूरी तरह से सत्य है। इसके बावजूद जिला प्रशासन ने दोषीजनों पर अब तक कोई कार्यवाही नही है।

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