इंदौर। शहर का प्राणी संग्रहालय कचरा मुक्त होगा। अब जू का कचरा परिसर से बाहर नहीं जाएगा, बल्कि अंदर ही प्रोसेसिंग प्लांट में डम्प होगा। इसके लिए चिड़ियाघर में प्रोसेसिंग प्लांट बनाया जा रहा है। प्लांट आगामी तीन माह में बनकर तैयार हो जाएगा। नगर निगम कमिश्नर शिवम वर्मा की इच्छा और विशेष रुचि से इंदौर प्राणी संग्रहालय को जीरो वेस्ट जू बनाया जा रहा है। यह संभवतः देश का पहला चिड़ियाघर होगा , जिसका कचरा परिसर में ही प्रोसेसिंग किया जाएगा। सुखा और गीला कचरा अब जू के बाहर नहीं निकलेगा ।
प्राणी संग्रहालय में कचरा प्रोसिंग प्लांट लोमड़ी के पिंजरे के पीछे 10 हजार वर्ग फीट में बनाया जा रहा है। इस प्लांट को गोदरेज कंपनी द्वारा निर्माण किया जा रहा है। उक्त प्रोसेसिंग प्लांट बनने के बाद निगम को जू का कचरा उठाने और निपटान नहीं करना पड़ेगा। प्रोसेसिंग प्लांट में बनने वाली खाद का विक्रय आसान होगा। कमिश्नर की विशेष रुचि अपर आयुक्त अभिलाष मिश्रा ने बताया कि इंदौर का प्राणी संग्रहालय जीरो वेस्ट जू कहलाएगा। यह कमिश्नर की विशेष रुचि के कारण संभव हो रहा है। कमिश्नर ने इतना बल्क में कचरा निकलने को लेकर जू को जीरो वेस्ट प्लान स्थापित करने का कहा था।
जू में गोदरेज कंपनी द्वारा प्रोसेसिंग प्लांट लगाया जा रहा है। इंदौर प्राणी संग्रहालय में रोज 6 सौ किलो कचरा निकलता है। इसमें झाड़ पौधे से ग्रीन वेस्ट करीब 3 सौ किलो, शाकाहारी जानवरों का 150 किलो, मांसाहारी जानवरों का 50 किलो, प्लास्टिक बॉटल और अन्य खाद्य सामग्री से 50 किलो तथा जू घूमने आने वाले पर्यटकों के खान पान एवं रेपर्स का करीब 50 किलो कचरा निकलता है।
जू प्रभारी डॉक्टर उत्तम यादव कहते है कि रोज 600 किलो से ज्यादा कचरा निकलता है। इसके लिए कमिश्नर ने यहां प्रोसेसिंग प्लांट डालने का प्रस्ताव किया था, जिसका कार्य शुरू हो चुका है। अगले दो तीन माह में जू का कचरा यही प्रोसेसिंग होना शुरू हो जाएगा।