सतना।खुले खेत में डेढ़ साल से लेकर पांच साल के बच्चों की ऐसी धमाचौकड़ी कम ही देखने को मिलती है,जैसी शुक्रवार को व्यापम अब पीईबी की परीक्षा के लिए बनाए गए केन्द्र के बाहर देखने को मिली.इतना ही नहीं छोटे बच्चों की मां के पास जाने की जिद पहली बार इस बात का एहसास करा रही थी कि कुछ तो ऐसा है जो सभी की निगाहों से ओझल हो रहा है.
एक तकनीकि महाविद्यालय के बाहर लगी हजारों की भीड़ में रह रहकर अबोध बच्चों की किलकारियां गूंज रही थी.पर उनकी सुगबुगाहट सुनकर चुप कराने वाली कोई मां नजर नहीं आ रही थी.इतना ही नहीं साढ़े पांच से छह घण्टे तक लगातार चलने वाली इस परीक्षा में कुछ दुधमुहें बच्चों को उनकी दादी,नानी और बुआ को चुप कराने के लिए चम्मच से दूध पिलाते भी देखा गया.सैकडों पिता भी अपनी भूमिका में पूरी चुस्ती-फुरती से लगे नजर आए कभी बच्चों के साथ मैदान में दौड लगाए तो कभी उनकी मांग पर कुछ खरीदने चले जाए.कुछ मौसियां उम्र से पहले अपनी वैकल्पिक मां की भूमिका में पूरी निष्ठा और ईमानदारी से सौपे गए दायित्व का इशारा कर रहीं थी.मैदान के किसी कोने में झुरमुट की छाय में बुर्जुग अभिभावक आने वाले समय की उम्मीद में धसी आंखों से भविष्य का आकलन करने में भी व्यस्त नजर आए.हजारों की भीड़ में सभी के चेहरों में जगमगा रही उम्मीद की किरण के बीच अभ्यर्थिओं के चेहरे में वह खुशी कम ही दिखाई पड रही थी.जिसकी आस लेकर वो यहां आए थे.पता नहीं क्यों सभी को यही कहते सुना गया कि अब कम्पटीशन बहुत है ,मौका मिलता है या नहीं कुछ तय नहीं है.
जमीनी अमले के बाद विभाग की सबसे छोटे पद के लिए हो रही इस आनलाइन परीक्षा के लिए शहर में कई केन्द्र बनाए गए हैं.यहां के केन्द्र में सागर, पन्ना और अन्य कई जिलों के अभ्यर्थियों को मौका दिया गया है.पूर्व में अपनी गतिविधियों के लिए चर्चा में आ चुके परीक्षा कराने वाले संस्थान ने अपनी परीक्षा पद्धती में परिवर्तन करते हुए ऐसी व्यवस्था बनाई है कि परीक्षा केन्द्र के अन्दर अभ्यर्थियों को छह घण्टे रुकना पड़ा है।