सहायक यंत्री के मकान में भीषण आग, लाखों का नुकसान

*तीसरी मंजिल से कूदी बेटी, उसे बचाने के प्रयास में पूर्व पार्षद का बेटा झुलसा*

 

ग्वालियर। घोसीपुरा रेलवे स्टेशन के पास श्री विहार कॉलोनी में नगर निगम के सहायक यंत्री के दो मंजिला मकान में शॉर्ट सर्किट से बुधवार को आग लग गई। जिस समय आग लगी उस समय सहायक यंत्री अपने परिवार के साथ घर में सो रहे थे। पूर्व पार्षद का बेटा वहीं काम करता है जो बच्ची की जान बचाते समय आग की लपटों में घिर गया जिससे उसका चेहरा व दोनों हाथ बुरी तरह से झुलस गए हैं। हादसे में शुक्र इस बात का रहा कि किसी प्रकार की जनहानि नहीं हुई। आग की तपिश जैसे ही कमरों तक पहुंची तो घर में सो रहे बृजकिशोर त्यागी व उनकी पत्नी की नींद खुली। अपने आप को आग की लपटों के बीच घिरा हुआ पाया तो तुरंत वहां से बाहर निकलने की कोशिश की।

जैसे-तैसे बृजकिशोर व उनकी पत्नी घर के बाहर निकल पाए। इसके बाद पड़ोसियों की मदद से फायर ब्रिगेड को सूचना दी। आग लगने की सूचना मिलते ही दमकल विभाग के फायर फाइटर मौके पर पहुंचे और करीब दो घंटे की मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया।

आग लगने के बाद त्यागी घर से बाहर निकले तो दमकल विभाग को सूचना देने के लिए मोबाइल तलाशा। लेकिन मोबाइल घबराहट में अंदर ही रह गया था। उनके पड़ोसी दिनेश मुद्गल ने पहले उन्हें सांत्वना दी और फायर ब्रिगेड को फोन लगाकर तुरंत मौके पर पहुंचने को कहा। मौके पर पहुंचे फायर फाइटरों ने आग पर काबू पाया। जब तक आग पर काबू पाया गया, लाखों रुपए का नुकसान हो चुका था।

श्री विहार कॉलोनी में रहने वाले नगर निगम के सहायक यंत्री त्यागी का मकान दो मंजिला है। वहां रहने वालों ने बताया कि उनके मकान में फर्नीचर बहुत ज्यादा लगा है। शॉर्ट-सर्किट के कारण चिंगारी निकली होंगी तो लकड़ी के फर्नीचर ने आग पकड़ ली जो कुछ देर में ही भडक़ गई। त्यागी के मकान में आग लगने से उनकी बड़ी बेटी जो कि ऊपरी मंजिल पर सो रही थी, वह भी फंस गई। जब उसे नीचे आने का रास्ता आग के बीच नजर आया तो उसने हिम्मत नहीं खोई। ऊपर तीसरी मंजिल पर पहुंची और वहां से छलांग लगाकर पड़ोसी की छत पर कूद गई। तब तक मदद के लिए पड़ोस में रहने वाले हरीश पंडित व सतीश शर्मा भी छत पर पहुंच चुके थे। बच्ची को सही सलामत देखकर सबकी जान में जान आई।

जितेन्द्र नगर निगम में कार्यरत है और पिछले कई वर्षों से उसकी ड्यूटी काम करने के लिए बृजकिशोर त्यागी के घर में लगी हुई है। बताया गया है कि आग लगने के बाद छोटी बेटी-अंदर ही रह गई। बच्ची को बचाने के लिए जितेन्द्र ने अपनी जान की परवाह न करते हुए लपटों के बीच कमरे के अंदर घुसा और आग में फंसी बच्ची को बाहर निकाल लाया। बच्ची को बचाते समय जितेन्द्र का चेहरा व दोनों हाथ बुरी तरह से जल गए हैं। उसे इलाज के लिए जेएएच की बर्न यूनिट में भर्ती कराया गया है।

पूर्व पार्षद शिवदयाल छैया ने बताया कि गंभीर रूप से झुलसे मेरे बेटे को पुलिस अपनी गाड़ी से लाई और अस्पताल में छोडक़र चली गई। उन्होंने बताया कि उनकी आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है, जिससे वह अपने बेटे का बेहतर इलाज कराने में असमर्थ हैं।

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