उमंग सिंघार के स्वच्छता पर दिए विवादित बयान से कांग्रेस की गुटबाजी उजागर !

सियासत

मध्य प्रदेश विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने पिछले दिनों इंदौर को स्वच्छता के लिए लगातार सात अवार्ड मिलने पर विवादित बयान दिया था। इस विवादित बयान का कारण कांग्रेस की आपसी गुटबाजी को बताया जा रहा है। दरअसल,प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी और नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार के बीच कड़ी राजनीतिक प्रतिस्पर्धा और मतभेद हैं। दोनों ही नेता मालवा और निमाड़ अंचल से हैं। जीतू पटवारी का निवास राऊ विधानसभा सीट के अंतर्गत आने वाले बिजलपुर में हैं तो उमंग सिंघार गंधवानी से लगातार चौथी बार विधायक हैं। दोनों ही नेता राहुल गांधी की पसंद से अपने पदों पर हैं।

विधानसभा चुनाव की करारी हार के बाद जब कांग्रेस ने जीतू पटवारी और उमंग सिंघार को क्रमश: कांग्रेस अध्यक्ष और नेता प्रतिपक्ष के पद पर नियुक्ति किया तो शुरुआत में दोनों के बीच बहुत अच्छा तालमेल था, लेकिन टिकट के बंटवारे को लेकर दोनों में गंभीर मतभेद पैदा हुए। स्थिति यह हो गई की उमंग सिंघार ने कुछ दिनों तक अपने आप को चुनाव अभियान से दूर कर लिया। बाद में शहडोल की सभा में राहुल गांधी ने दोनों के बीच सुलह कराने की कोशिश की। पार्टी ने उमंग सिंघार की सिफारिश पर मुरैना से नीटू सिकरवार और धार से राधेश्याम मुवेल को टिकट दिया। इसके बावजूद दोनों नेताओं के बीच की राजनीतिक प्रतिस्पर्धा काम नहीं हुई है। यही वजह है कि उमंग ने इंदौर की स्वच्छता को लेकर ऐसा बयान दिया जिससे यहां के कांग्रेस प्रत्याशी अक्षय कांति बम का नुकसान हो।

अक्षय कांति बम को जीतू पटवारी ने टिकट दिलवाया है। उमंग सिंघार ने अक्षय कांति बम के समर्थन में हुई सभा को संबोधित करते हुए अनावश्यक रूप से इंदौर की स्वच्छता का जिक्र किया और कहा कि इंदौर को स्वच्छता का पुरस्कार कैसे मिलता है, यह सब को मालूम है। यानी इंदौर को स्वच्छता का पुरस्कार मैरिट पर नहीं बल्कि जोड़-तोड़ के कारण मिलता है। जाहिर है उमंग के इस बयान से कांग्रेस के नेता हक्के-बक्के रह गए। एक तो चुनावी माहौल था। सभा अक्षय कांति के नामांकन को लेकर हो रही थी ऐसे में अनावश्यक रूप से उमंग सिंघार ने इंदौर की स्वच्छता को लेकर विवादित टिप्पणी की और कांग्रेस को बैक फुट पर ला दिया। सूत्रों के अनुसार ऐसा उन्होंने केवल जीतू पटवारी के साथ अपनी राजनीतिक प्रतिद्वंदिता के चलते किया। जाहिर है इससे कांग्रेस को नुकसान तो हुआ है। इन दोनों बड़े नेताओं की अहंकार की लड़ाई के कारण कांग्रेस को समूचे मालवा और निमाड़ अंचल में नुकसान हो रहा है।

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