नगर परिषद और ड्रग विभाग की जिम्मेदारी बनती है कि वे ऐसी अवैध गतिविधियों पर सख्त कार्रवाई करें। ड्रग विभाग का स्पष्ट नियम है कि किसी भी एक्सपायरी दवा को जलाने या खुले में फेंकने की इजाजत नहीं है. इसे बायोमेडिकल वेस्ट मैनेजमेंट के तहत वैज्ञानिक तरीके से नष्ट किया जाना चाहिए, लेकिन यहां पर नियमों की खुलेआम धज्जियां उड़ाई जा रही हैं.
ड्रग कंट्रोलर के अनुसार, किसी भी मेडिकल स्टोर या थोक विक्रेता द्वारा अगर एक्सपायरी दवाओं को गलत तरीके से नष्ट किया जाता है, तो उनका लाइसेंस रद्द किया जा सकता है. खुले में दवाओं को जलाने से वायु में ज़हरीले पदार्थ घुलते हैं, जिससे अस्थमा, एलर्जी और सांस की बीमारियां बढ़ने का खतरा होता है.मवेशियों के इस ज़हरीली जगह पर जाने से उनके जीवन पर भी खतरा मंडरा रहा है