नयी दिल्ली, 12 मार्च (वार्ता) लोकसभा में बुधवार को द्रविड़ मुनेत्र कषगम (द्रमुक) सदस्य डी एम कथिर आनंद ने सदन की सीटों के संभावित परिसीमन में जनसंख्या को ही आधार न बनाये जाने की मांग करते हुए कहा कि राज्य में प्रति व्यक्ति आय, वस्तु एवं सेवा कर संकलन, कृषि आय, निर्यात आदि को भी मानदंड माना जाना चाहिये।
श्री आनंद ने शून्य काल के दौरान कहा कि लोकसभा सीटों के परिसीमन को ऐसा हथियार नहीं बनाया जाना चाहिये जिससे प्रगति कर रहे राज्य अपने को दंडित किया जाना महसूस करें। उन्होंने कहा कि परिसीमन को लेकर अभी बहुत सी चीजें स्पष्ट नहीं हैं इससे तमिलनाडु के लोगों को आशंका है कि परिसीमन के बाद राज्य में लोकसभा सीटें कम हो जायेंगी। तमिलनाडु और दक्षिण भारत के अन्य राज्यों ने जनसंख्या नियंत्रण पर अच्छे कार्य किये हैं, अत: उनकी मांग है कि परिसीमन के दौरान जनसंख्या को ही आधार न माना जाये, जिससे इन राज्यों के साथ अन्याय न हो।
उन्होंने कहा कि यदि जनसंख्या को ही संभावित परिसीमन का आधार बनाया गया तो उत्तर प्रदेश और बिहार जैसे राज्यों की सीटें अधिक हो जायेंगी, जो न्याय संगत नहीं होगा।