जिला चिकित्सालय सह ट्रामा सेन्टर में चल रहा इलाज, पुलिस पर सवाल
सिंगरौली : जिला पंचायत सिंगरौली के मुख्य कार्यपालन अधिकारी के यहां कार्यरत संतोष पनिका ने सीईओ के इशारे पर विंध्यनगर पुलिस से मारपीट कराने का सनसनी खेज आरोप लगाते हुये मीडिया कर्मियों के समक्ष अपने दर्द को बयां किया है। हालांकि विंध्यनगर पुलिस ने मारपीट की घटनाओं से साफ इंकार की है। पीडि़त संतोष का इलाज जिला चिकित्सालय में इलाज चल रहा है।दरअसल ग्राम मनिहारी निवासी संतोष पनिका करीब 7-8 महीने से जिला पंचायत सिंगरौली के आवास विंध्यनगर में बतौर रसोईका के रूप में कार्य कर रहा है। जहां उसके ऊपर सीईओ एवं उनकी पत्नी ने आभूषण चोरी करने का आरोप लगाया है। इसी के चलते विंध्यनगर पुलिस संतोष को अपने कब्जे में लेकर पूछतांछ करते हुये मारपीट की है। इस संबंध में संतोष पनिका ने पीडिया कर्मियों के समक्ष अपनी पीड़ा का बयां करते हुये बताया की 20 अप्रैल को हमारे परिवार व रिश्तेदारी में शादी-विवाह था। जहां सीईओ से अनुमति लेकर घर गया था।
24 अप्रैल को ड्यूटी पर वापस आया। सीईओ के बंगले में झाड़ू-पोछा लगा रहा था। तभी सीईओ एवं उनकी पत्नी कमरे में बुलाकर सोना-चॉदी के आभूषण एवं नगद रूपये चोरी करने का आरोप लगाते हुये कमरे मे पूछतांछ कर बैठा लिया गया और कुछ देर बाद सीईओ ऑफिस निकल गये। उनके निकल जाने के बाद विंध्यनगर पुलिस थाने उठाकर ले गई। जहां पूछतांछ के आड़ में लाठियों की बरसात की गई। पुलिस के मारपीट के बाद भी मेरे यहां से कुछ भी नही मिला। यह मारपीट सीईओ एवं उनकी पत्नी के इशारे पर की गई। संतोष का कहना है यदि मै चोरी करता तो दोबारा सीईओ के बंगले में कार्य करने न जाता। सीईओ एवं उनकी पत्नी के द्वारा मुझपर अनायाश का शक कर मारपीट कराई गई। संतोष ने कहा की जब हमलोग सीईओ के बंगले में कार्य करते हैं। उनकी बराबर नजर रहती है। फिर चोरी कैसे हुई और मारपीट का अधिकार किसने दिया है । फिलहाल संतोष का इलाज जिला चिकित्सलय सह ट्रामा सेन्टर में बैढऩ में चल रहा है। वही उक्त मामला तूल पकड़ता जा रहा है और जिला पंचायत सीईओ की भी सोशल मीडिया में किरकिरी शुरू है।
2 महीने से नही मिली पगार
संतोष ने बताया की जिला पंचायत सीईओ के सरकारी बंगले में सुुबह 8 बजे से रात 8 बजे तक करीब 12 घण्टे किचन सहित झाड़ू-पोछा कर रहा था और महीने में 13 हजार रूपये पारिश्रमिक भुगतान किया जा रहा। लेकिन करीब 2 महीने का परिश्रमिक भुगतान सीईओ के द्वारा नही किया गया है। जबकि उनके बंगले में ईमानदारी के साथ कार्य कर रहा था। फिर भी मुझ पर चोरी का इल्जाम का लगाकर मेरी ईमानदारी के कार्य पर सवाल खड़ा किया है।