एडिशनल डीसीपी क्राईम ब्रांच राजेश दंडोतिया ने बताया कि ठगों ने खुद को फेड-एक्स अधिकारी बताकर कहा कि उनके नाम से मलेशिया भेजे जा रहे पार्सल में एमडीएमए ड्रग्स और 36 पासपोर्ट मिले. फिर दिल्ली साइबर क्राइम से लिंक कर जांच का दबाव बनाया. आधार कार्ड से जुड़े बैंक खातों को मनी लॉन्डि्रंग में इस्तेमाल होने का झांसा देकर निर्दोष साबित करने के लिए बैंक से पैसे ट्रांसफर करने को कहा. प्रोफेसर ने अपने 33 लाख रुपए ठगों के खाते में डाल दिए.
क्राइम ब्रांच की तत्परता से बची रकम
प्रोफेसर ने घटना की शिकायत एनसीआरपी 1930 पोर्टल पर दर्ज कराई. क्राइम ब्रांच ने 49 बैंक खातों को फ्रीज कर 26.45 लाख रुपए रिफंड कराए. इस रिफंड से प्रोफेसर अब पुणे जाकर अपना लीवर ट्रांसप्लांट इलाज करा सकेंगे.