विन्ध्य की डायरी
डॉ रवि तिवारी
लगातार सत्ता में काबिज रहने के कारण डबल इंजन वाली भारतीय जनता पार्टी में विंध्य के प्रभुत्व वाले नेताओं के बीच शह और मात का खेल पर्दे के पीछे इन दिनों पूरे चरम पर है. राजनीति में सुचिता का संकल्प लेकर काम कर रही शासन की कुर्सियों में काबिज अमले का रवैया पहले से भी बत्तर नजर आने लगा है. नियम प्रावधानों पर चलने वाली व्यवस्था पर हर दिन जो कुछ हो रहा है वह नही होना चाहिए. नियम कानूनों की अवेहलना कर अपने हितों के संरक्षण के आदी विन्ध्य की जनता सिर्फ इस बात से नाखुश है कि उसे अपने प्रावधानों से इतर कामों के लिए किसी तीसरे का सहारा लेना पड़ता है.
अमला भी खुद ही किसी सत्ता,संगठन से जुड़े व्यक्ति का नाम लेकर उन्हें मदद लेने का सुझाव दे देता है. शासन-प्रशासन पर व्यक्ति विशेष के बढ़ रहे प्रभाव को लेकर अन्य प्रभावशाली लोगों के चेहरे पर चिंता की लकीरें स्पष्ट दिखाई देने लगी है. उन्हें एक दूसरे नेताओं से इस बात का भय सताने लगा है कि कही उनका राजनीतिक भविष्य न प्रभावित हो जाए.विन्ध्य में सत्ता और विपक्ष दोनों नए क्षत्रपों के तलाश में है. आने वाले समय मे किसका भाग्य राजनीति के शिखर तक ले जाएगा , यह समय ही बताएगा.
गृह मंत्री का डी आर आई के कार्यक्रम में आना
राष्ट्रऋषि भारतरत्न नानाजी देशमुख की पन्द्रहवी पुण्य तिथि के अवसर पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के आगमन को लेकर चर्चाओं का बाजार गर्म है. ग्यारह बरस के केंद्रीय सत्ता में भाजपा के आने के बाद चित्रकूट प्रवास पर कभी कोई प्रभावशाली नेता दीनदयाल शोध संस्थान की ड्योढ़ी में उपस्थिति दर्ज कराने नही आया,जबकि कभी सत्ता-संगठन के केंद्र में रहने वाले इस स्थान से होने वाले राष्ट्रपति तक का नाम तय होता था.बताते हैं कि गृहमंत्री श्री शाह और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दोनों ने इस अवधि के दौरान चित्रकूट के कार्यक्रम में अपनी उपस्थिति दर्ज कराई है. पर उन यात्राओं के दौरान राज्य स्तर के नेताओं ने दीनदयाल शोध संस्थान के चित्रकूट प्रकल्प से पर्याप्त दूरी बना कर रखी थी. इस बार कार्यक्रम में उपस्थित लोगों ने बताया कि शाह के आगमन से संस्थान के स्वयंसेवकों में उत्त्साह की स्फूर्ति स्पष्ट दिखाई दे रही है.
कुम्भ में विन्ध्य की पौ बारह
प्रयागराज में आयोजित महाकुंभ के दौरान विन्ध्य के प्रमुख तीर्थ चित्रकूट औऱ मैहर में श्रद्धालुओं की आमद ने व्यवसायियो को खुश कर दिया.हालांकि प्रशासन की ओर पहले किसी प्रकार के इंतजाम नही किए गए थे, लेकिन व्यापारियों ने अपने पुराने अनुभव के आधार पर लोगों की आमद के मद्देनजर भरपूर इंतजाम कर रखे थे.तैयारियों का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि सतना और रीवा जिले में दर्जनों नए होटल पिछले तीन चार माह के दौरान प्रारंभ हुए हैं. बताते हैं कि हाईवे के किनारे सेकड़ो अस्थाई दुकानें रातों रात खुल गई बेरोजगार युवकों ने हजारों रुपये चाय बेचकर कमा लिए.
