जैसलमेर, 26 फरवरी (वार्ता) दुनियाभर में हुए विभिन्न घटनाक्रमों के कारण विदेशी पर्यटकों की संख्या में लगातार कमी आ रही है, जिसका सीधा असर राजस्थान की आन शाही रेलगाड़ी ‘पैलेस ऑन वील्स’ पर देखा जा रहा है।
पर्यटन से जुड़े सूत्रों ने बुधवार को बताया कि अमेरिका में हाल ही में हुए चुनाव, रूस यूक्रेन के बीच चल रहे युद्ध, फ्रांस सहित कई यूरोपीय देशों में खस्ता आर्थिक हालात जैसे कई कारण हैं, जिसकी वजह से गत वर्ष 2024-25 के पर्यटन सीजन में विदेशी पर्यटकों की संख्या में काफी कमी आयी है। इस पर्यटन सीजन में ही पैलेस ऑन वील्स के करीब 50 प्रतिशत फेरे पर्यटकों के अभाव में रद्द किये जा रहे हैं। इसमें 26 फरवरी का फेरा भी शामिल है, जिसे पर्यटकों की कमी के कारण रद्द किया गया है।
बताया जाता है कि गत वर्ष 27 सितम्बर से शुरू होकर दो अप्रैल तक चलने वाली पैलेस ऑन वील्स के कुल 32 फेरों में से अब तक 15 फेरे पर्यटकों की कमी के कारण रद्द किये जा चुके हैं। पैलेस ऑन वील्स के 43 वर्षों के इतिहास में सम्भवतः यह पहली बार हुआ है। इसमें आने वाले पर्यटकों में 95 प्रतिशत विदेशी एवं पांच प्रतिशत भारतीय होते हैं।
देशी- विदेशी पर्यटकों को शाही अंदाज में भ्रमण करवाने के लिए 26 जनवरी 1982 को पहियों पर महल यानी ‘पैलेस ऑन वील्स’ रेलगाड़ी की शुरुआत की गयी। यह भारतीय रेलवे एवं राजस्थान पर्यटन विभाग का संयुक्त उद्यम था।
शुरुआत से लेकर कोरोना काल तक इसका जबरदस्त आकर्षण बना रहा। वर्ष 2023 में इसका निजीकरण कर दिया गया। निजीकरण के बाद इसमें पहले से बेहतर सुविधायें शुरू की गयीं। अब भी खासकर विदेशी पर्यटकों के लिए यह एक प्रमुख आकर्षण का केंद्र बनी हुई है, लेकिन पिछले कुछ वर्षों में विदेशों में बनी हुई कई विपरीत परिस्थितियों के कारण भारत में विदेशी पर्यटकों की संख्या में कमी आई है।
पैलेस ऑन वील्स के संचालन अधिकारी योगेन्द्र फौजदार ने बताया कि विदेशी पर्यटकों की कमी के कारण इस बार पर्यटन सीजन में 12 से ज्यादा फेरे रद्द करने पड़े हैं। इसके पीछे इस बार अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हुए कई घटनाक्रम हैं। इजरायल हमास के बीच लम्बे समय से युद्ध चला, वहीं रूस एवं यूक्रेन का युद्ध भी खत्म होने का नाम ही नहीं ले रहा है। इसके अलावा कई देशों के बीच तनाव का माहौल है। इतना ही नहीं इस वर्ष अमरीकी चुनाव का भी काफी असर रहा और अमेरिकी पर्यटक भारत नहीं आ पाए। कई देशों में नो फ्लाइंग जोन घोषित करने और कुछ यूरोपीय देशों में आर्थिक मंदी का सीधा असर विदेशी पर्यटकों की आवक पर पड़ा है, लेकिन अब स्थिति सुधरने की उम्मीद है।
