डा0 रवि तिवारी
कहते है कि असफलता ही सफलता की कुंजी होती है और हार के बाद ही जीत का मार्ग दिखाई देता है पर यह शायद कांग्रेस पर लागू नही होता. विंध्य कभी कांग्रेस का गढ़ रहा है और लम्बे समय तक सरकार में यहा का दबदबा देखने को मिला. 15 माह के कार्यकाल में जिस तरह की गतिविधियां रही है वह कांग्रेस को और पीछे धकेल दिया है. संगठन को मैदानी स्तर पर मजबूत बनाने के लिये बैठक में चिंतन-मंथन तो होता है पर मैदानी स्तर पर गतिविधयां शून्य है. पदाधिकारी से लेकर कार्यकर्ता तक हताशा में चल रहे है, जोश उमंग दिखाई नही दे रहा है.
व्यक्तिवादी राजनीति में उलझी पार्टी को नये तरीके से बूथ स्तर पर मजबूती से खड़ा करने के लिये नवाचार करना होगा. संगठनात्मक रूप से कमजोर हो चुकी पार्टी को कई तरह के परिवर्तन से गुजरना होगा. रीवा में प्रदेश सह प्रभारी घूम-घूम कर कार्यकर्ताओं से मिले, मंथन के साथ सुझाव और समस्याओ का पुलिंदा भी लेकर गए पर नतीजा शून्य है. हाल ही में जिला संगठन प्रभारी संजय शर्मा ने बैठक लेकर नए सिरे से संगठन को मजबूत करने और एकता का पाठ पढ़ाने के साथ बूथ को मजबूत करने की बात कही पर मैदानी स्तर पर संगठनात्मक गतिविधियां जो शुरू होनी चाहिये वह शून्य पर है. ऐसे में कैसे नये सिरे से संगठन मजबूत हो पायेगा. एसी के बंद कमरे से तपती धूप में नेताओ को निकलना पड़ेगा जो हो नही पायेगा.
विधायक का चेतावनी भरा पत्र
सीएसआर और बीएमएफ मद के राशि प्राप्ति और खर्चे का हिसाब बार-बार मांगने पर भी नही मिला. जिसके बाद विधायक ने चेतावनी भरा पत्र कलेक्टर के नाम लिख डाला. पत्र में उल्लेख किया कि जनप्रतिनिधि होने के नाते जनता-जनार्दन की भावनाओ को देखते हए बड़े आन्दोलन की तैयारी के लिये मजबूर होना पड़ेगा. दरअसल गुढ़ के वरिष्ठ विधायक नागेन्द्र सिंह ने कई बार पत्राचार कर जानकारी मांगी जो नही दी गई. सौर्य ऊर्जा प्लांट गुढ़ के संबंध में किसी तरह की जानकारी न मिलने से आहत विधायक ने पत्र लिख ड़ाला. वरिष्ठ विधायक के चेतावनी भरे स्मरण पत्र के बाद प्रशासन में खलबली मच गई है. मजे की बात यह है कि सत्ताधारी विधायक को जब कोई जानकारी नही मिल रही तो इसी से अंदाजा लगाया जा सकता है कि आम आदमी का क्या होता होगा.
ताश के पत्ते में निपट गए कोतवाल साहब
क्षेत्र में जुंए की फड़ संचालित होना शहर कोतवाल को मंहगा पड़ गया. शिकायत मिलने पर किसी तरह की कार्यवाही नही की गई. जिस पर नाराज पुलिस अधीक्षक ने तत्काल कोतवाल सहित तीन को निलंबित कर दिया. जुंए पर कार्यवाही करने में लापरवाही भारी पड़ गई. सीधी जिले के कोतवाली क्षेत्र में जुंए की फड़ चल रही थी, कोतवाल साहब अभिषेक उपाध्याय को जानकारी थी उसके बाद भी कार्यवाही करने से पीछे हट रहे थे. जब मामला कप्तान तक पहुंचा तो फिर क्या था रेड़ भी पड़ी और कोतवाल साहब भी निपट गए. निष्पक्ष जांच शुरू हो गई है जांच के बाद जो तथ्य सामने होगे उसके बाद आगे कदम कप्तान उठाएगे.
नारायण को जनता के स्वास्थ्य की चिंता
सतना मेडिकल कालेज के बजट और कैंसर यूनिट को लेकर मामला तूल पकड़ रहा है और इसी में अब मैहर के पूर्व विधायक नारायण त्रिपाठी की इंट्री हो गई है. जनता के स्वास्थ्य की चिंता करते हुए मुख्यमंत्री को पांती लिखकर विशेष डाक्टरो की नियुक्ति की बात कही है. साथ ही बजट में कमी कैंसर यूनिट को प्रथक किया जाना सतना वासियो के साथ एक बड़ा धोखा बताया है. मेडिकल कालेज में कैंसर यूनिट होनी चाहिये. पूर्व विधायक समय-समय पर जनता-जनार्दन की चिंता करते हुए सरकार को पत्र लिखते रहते है.