कांग्रेस नेतागण पहुंचे काका गाड़गिल बांध
मल्हारगढ। गर्मी की आहट के साथ ही जलस्तर काफी तेजी से गिरता जारहा है, कुंए, ट्यूबवेल, तालाब, बावड़ियों के साथ ही अन्य जलस्त्रोत भी सूखने लगे है।
शनिवार को मल्हारगढ ब्लॉक कांग्रेस अध्यक्ष अनिल शर्मा, जिला कांग्रेस उपाध्यक्ष लियाकत मेव, मल्हारगढ नगर कांग्रेस अध्यक्ष कोहिनूर मेव, कार्यकारी अध्यक्ष गोपाल भारती, पिपलिया नगर कांग्रेस अध्यक्ष रामप्रसाद फरक्या काकागाड़गिल सागर बांध पहुंचे व वहां बांध में पानी की स्थिति को देखा जिसमे मात्र ढाई फिट पानी ही भरा है बाकी पूरा डेम खाली होगया है।
मल्हारगढ ब्लॉक कांग्रेस अध्यक्ष अनिल शर्मा ने बताया कि कांग्रेस नेता परशुराम सिसोदिया के साथ ही हम पिपलियामंडी, मल्हारगढ, नारायणगढ़ की पेयजल समस्या के स्थाई समाधान हेतु पिछले तीन चार सालों से मांग करते आरहे कि इन नगरों को चंबल नदी से जोड़ा जाए लेकिन शासन, प्रशासन का इस ओर कोई ध्यान नही है, शर्मा ने बताया कि शायद नारायणगढ़ को चंबल से जोड़ा जाएगा। लेकिन अभी मल्हारगढ, पिपलियामंडी को इस योजना से वंचित रखा गया है। वर्तमान में पिपलिया में पानी की समस्या रहवासी पैसे देकर पानी के टैंकर डलवाते है।
शर्मा ने बताया कि मल्हारगढ में वर्तमान में 2000 घरेलू नल कनेक्शन है और 30 से 35 सार्वजनिक नल है और गाडगिल सागर बांध से नगर की जलापूर्ति होती है। इसी तरह पिपलियामंडी में लगभग 3700 घरेलू नल कनेक्शन है एवं 170 सार्वजनिक नल है। शर्मा ने कहा कि नगर में एक दिन छोड़कर 30 से 35 मिनीट नल दिए जारहे है वही मल्हारगढ में प्रतिदिन 20 मिनिट नल दिए जारहे है।नारायणगढ़ में तीसरे दिन 35 से चालीस मिनीट ही नल दिए जारहे है वहां भी वर्तमान में पानी की समस्या है। रहवासी टैंकर से पानी डलवाने पर मजबूर है। हालांकि चंबल से भी जोड़ा जारहा है पार्षद रामचन्द्र करुण ने बताया कि पाइप लाइन भी डाल दी गई है किन्तु कनेक्शन में अभी समय लग सकता है और अगली गर्मी में ही इसका लाभ मिल सकता है। वर्तमान में रेतम बैराज से नगर को पेयजल मिल रहा है, किन्तु पानी की एक टँकी एवं एक ही सम्पवेल होने से समस्या गम्भीर बन सकती है।
मल्हारगढ ब्लॉक कांग्रेस अध्यक्ष अनिल शर्मा जिला कांग्रेस के उपाध्यक्ष लियाकत मेव ने सुझाव दिया कि चंबल नदी की पाइप लाइन से एक पाइप लाइन द्वारा काकागाड़गिल सागर में पानी डाला जाए जिससे मल्हारगढ एवं पिपलिया की पेयजलापूर्ति के लिए कोई अलग से संसाधन नही जुटाना पड़ेंगे ओर पेयजल की गम्भीर समस्या का स्थायी समाधान भी हो जायेगा।